आमजनता के लिए घोर निराशाजनक बजट : काशीनाथ केवट

अंतरिम बजट 2024-25 पर विस्थापित नेता काशीनाथ केवट ने कहा कि आम जनता के लिए यह निराशाजनक बजट है। देश में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन बजट में इसके बारे में कुछ भी नहीं है। आम जनता उम्मीद लगाए बैठी थी, कि गैस सिलिंडर पांच सौ रूपए और पेट्रोल डीजल 60 रुपए लीटर के साथ साथ खाद्यपदार्थ के दरों में कमी की घोषणा की जाएगी। किसानों की आय दोगुनी करने और दो करोड़ प्रति वर्ष नौकरियों के हिसाब से 20 करोड़ नौकरियां देने के वायदे का एक लेखाजोखा प्रस्तुत किया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। किसानों के लिए छः हजार सलाना से बढ़ाकर आठ हजार किया गया। इस प्रकार अंतरिम बजट में किसानों को हर महीने 600 रुपये देने की घोषणा से पता चलता है, कि मोदी सरकार गांव और किसानों के प्रति कितना संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि अगर किसी किसान परिवार में पांच सदस्य हैं, तो इस घोषाणा के तहत हर सदस्य को चार रुपये प्रतिदिन मिलेगा। मध्यमवर्ग और नौकरी पेशा वाले लोगों को इन्कमटेक्स में कोई राहत नहीं। कोलियरी कारखाना के लिए जमीन देने वाले विस्थापितों के सवाल पर सरकार अछूत जैसा व्यवहार करती है। मोदी सरकार का यह अंतरिम बजट कॉरपोरट पूंजीपतियों के लिए मालामाल और आमजनता के लिए ठनठन गोपाल जैसा प्रतीत होता है।

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