कस्तूरबा श्री विद्या निकेतन ढोरी में विद्या विकास समिति,झारखंड के निर्देशन में आयोजित त्रि-दिवसीय आचार्य कार्यशाला का समापन किया गया। समापन सत्र का शुभारंभ विद्यालय प्रबंधकारणी समिति के माननीय सचिव धीरज कुमार पांडे, प्रधानाचार्यजी रण सुमन सिंह, संकुल संयोजक अमित कुमार सिंह, मकोली विद्यालय के अध्यक्ष अखिलेश सिंह, स्टाफ क्वार्टर ढोरी के सचिव सुमित बंसल, तूपकाडीह शिशु विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य मंटू गिरी, अमरेंद्र कुमार सिंह, अनपति विद्यालय के कोषाध्यक्ष दीपक कुमार अग्रवाल ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती, भारत माता एवं ओंकार के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
आचार्य कार्यशाला के तृतीय दिवस पर नवीन शैक्षिक तकनीक का प्रयोग, टीएलएम, पीएलएम, टीएलई का प्रयोग अनिवार्य रुप से कैसे हो। इस विषय पर प्रकाश डाला गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य, प्रतियोगिता, परिणाम,शुद्ध भाषाभिव्यक्ति, शुद्ध एवं सुंदर लेखन एवं उपलब्धि पर चर्चा किया गया। वार्षिकोत्सव, अभिभावक गोष्ठी, अभिभावक संपर्क की योजना, मातृ सम्मेलन, दादा-दादी, नाना-नानी सम्मान समारोह आदि आयोजित करने हेतु तिथि एवं माह का निर्धारण किया गया। इस दौरान विद्या भारती द्वारा निर्धारित केन्द्रीय आधारभूत विषय संगीत शिक्षा, नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा,शारीरिक शिक्षा, योग शिक्षा और संस्कृत शिक्षा के सफल क्रियान्वयन की योजनाएं बनाई गई। त्रिदिवसीय कार्यशाला के पहले दिन अमित कुमार सिंह ने कार्यशाला की प्रस्तावना एवं विद्यालय के विकास पर चर्चा की। कस्तूरबा विद्यालय के प्रधानाचार्य रण सुमन सिंह ने सबल पक्ष और दुर्बल पक्ष एवं प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा पर चर्चा की। शिक्षक अखिलेश कुमार सिंह ने अनुशासन, समयनिष्ठा एवं कक्षा अध्यापन पर अपना विशेष संपादित किया। सुमित बंसल एवं दीपक अग्रवाल ने पूर्व छात्र परिषद से संबंधित विषय पर चर्चा की। तत्पश्चात विद्यालय के सचिव धीरज कुमार पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और चरित्र का निर्माण भी आवश्यक है। शिक्षा में संस्कार का होना अति आवश्यक है।सरस्वती शिशु मंदिर गैर सरकारी संस्था है, इसे सरकार के द्वारा किसी प्रकार से कोई अनुदान प्राप्त नहीं होता हैं। यहां छात्र-छात्राएं अपने माता पिता के भावी आशाओं के अनुरूप तैयार होते हैं।यहां के शिक्षा पद्वति का शिक्षा के जगत में एक विशिष्ट पहचान है।

यह त्रिदिवसीय आवसीय कार्यशाला दिनांक 30 मार्च2024 से प्रारंभ होकर दिनांक 2 अप्रैल 2024 को प्रातः संघ प्रार्थना के बाद समाप्त हुई। इस कार्यशाला में कस्तूरबा श्री विद्या निकेतन एवं सरस्वती विद्या मंदिर तूपकाडीह के समस्त आचार्य जी एवं दीदी जी उपस्थित थे। इस समापन सत्र में विद्यालय के कुमार गौरव, शैलेंद्र कुमार सिंह, शिवपूजन सोनी, प्रदीप कुमार महतो, राजेंद्र पांडे, शैलबाला कुमारी, सुषमा कुमारी, संजू ठाकुर, मंतोष प्रसाद, जितेंद्र यादव, विभा सिंह, रेशमा खानम, जय गोविंद प्रमाणिक, ऋषिकेश तिवारी, दीपक कुमार, राहुल कुमार, प्रीति प्रेरणा सिंह, इंद्राणी सिन्हा रॉय, नंदनी कुमारी एवं खुशबू कुमारी सभी आचार्य-आचार्या उपस्थित हुए।