मीडिया से बात करते हुए भाजपा प्रत्याशी और कन्नौज से सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि कल जिस प्रकार से अखिलेश यादव जी कन्नौज आये थे और आने के बाद सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया सभी के माध्यम से जो विषय सामने आये है। उन्हीं को लेकर आज इस प्रेस कान्फ्रेंस को भारतीय जनता पार्टी की ओर से रखा गया। अखिलेश जी के मंच से उनके बैठे होने के बावजूद इस प्रकार अभद्र भाषा का प्रयोग हुआ। मेरे लिए तो समाजवादी पार्टी और उनके नेताओं का अभद्र भाषाओं का प्रयोग करना कोई नई बात तो नही है। लेकिन जिस प्रकार से एक जाति विशेष के लिए जो संविधान में प्रतिबंधित शब्द है। उसका इस्तेमाल करके जिस प्रकार की एक सामंतवादी सोंच और वहां से दर्शाई गयी और अखिलेश जी जो स्वयं ताली पीटते रहे। यह बहुत दुखद है और बहुत निंदनीय है। जिस प्रकार से वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे है। मुख्यमंत्री होने के नाते वह एक उत्तर प्रदेश के सभी के अभिभावक का एक दर्जा उनको प्राप्त हुआ है। इससे प्रदेश में सभी जाति वर्ग के लोग आते है। अगर किसी जाति वर्ग की संख्या कम होना और उसको लेकर इस प्रकार की टिप्पणी करना, यह उनका एक स्वभाव है। समाजवादी पार्टी का एक चरित्र है तो कुल मिलाकर कल अधिक संख्या वाली जातियों का तुष्टिकरण करना और तुष्टिकरण इस हद तक कर देना कि अगर जाति समुदाय विशेष इसका व्यक्ति है और अगर आतंकवादी है तो भी उसको छोड़ दो यह मुख्यमंत्री रहते ऐसा आदेश कर देना। दंगाई है तो किस प्रकार से है। उसके लिए आचरण रहना और सबसे बड़ा जो विषय देखा जाये कि जिस प्रकार से जो माफियाओं को पल्लवित पोषित करना और उसके बाद माफियाओं को यदि मुठभेड़ में या किसी प्रकार से स्वभाविक मृत्यु के ऊपर आंसू बहाना और यह वही लोग है जो इस प्रकार से इनका आचरण है तो यह देखने में आया। कुल मिलाकर मै समझता हॅूं था कि अखिलेश जी कन्नौज आयेंगे और कन्नौज आने के बाद अपनी प्रत्याशिता को यहां से घोषित करेंगे। लेकिन उन्होंने अब तक अपनी प्रत्याशिता को घोषित नही किया है। लगातार समाजवादी पार्टी के लोगों द्वारा इस भाव के साथ धमकी के भाव के साथ में कि भइया आ रहे है, भइया आ रहे है। मानों उनको लगता होगा कि भइया आ रहे हैं तो हम डर जायेंगे और यहाॅं से छोड़कर चले जायेंगे। लेकिन मेरी पार्टी ने मुझे यहाॅं से भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया। उसके बाद से आज तक समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी घोषित नही हो सका है। उसके बाद जब मंच के ऊपर जिस प्रकार धमकी दिलाई गयी तो उसको मै क्या समझूं।
सांसद ने बताई 2012 में डिंपल के निर्विरोध की कहानी
2012 में श्रीमती डिंपल यादव यहाॅं से निर्विरोघ सांसद बनी थी, कैसे बनी थी आप सभी को पता है किसी को कुछ छुपा हुआ नही है। जिस प्रकार से समाजवादी गुण्डो ने बैठकर कलेक्ट्रेट के बाहर लोगों को जाने नही दिया। नामिनेशन नही करने दिया। भारतीय जनता पार्टी के जो प्रत्याशी थे उनको अंत समय किसी प्रकार से रोक लिया या जो भी कुछ हुआ वह तो अलग विषय है, बाद में उन्हीं के साथ वह चले गये थे, लेकिन जिस प्रकार से कोई भी नामांकन नही हुआ, सीबीसीआईडी में जांच भी इसकी हुई। जो अन्य लोग कराना चाहते थे जो नामिनेशन उसमें जो पार्टी थी वोटर्स पार्टी थी जिन्होंने कोई पाण्डेय थे उनके नाम पर उन्होंने अपना नामिनेशन किया। तो उनका नोमिनेशन को पर्चा फाड़ दिया गया जबकि वह आॅनलाइन नामिनेशन कर चुके थे, तो इसको लेकर जांच भी है और हो भी रही है। सीबीसीआईडी में थी मेरी जानकारी में जहाॅं तक है। लेकिन खैर वह सभी को पता है कि किस प्रकार से 2012 में डिंपल निर्विरोध हुई।
समाजवादी सरकार ने भाजपा प्रत्याशी सुब्रत को भेजा था जेल
2014 में जब लोकसभा का चुनाव हुआ तो मै श्रीमती डिंपल यादव जी के खिलाफ चुनाव लड़ा उस समय पर बहुत से समाजवादी पार्टी के ऐजेंटो ने और मुझसे मना भी किया कि आप चुनाव न लड़ें, यह ठीक नही रहेगा। उस समय मेरी माता जी नगर पालिका से चेयरमैन भी थी। कई प्रकार के प्रलोभन भी दिये गये। लेकिन मैने कहा कि अगर मेरी पार्टी टिकट देगी तो मै चुनाव लडूंगा और मै चुनाव लड़ा और जब मैने चुनाव लड़ दिया उनके खिलाफ तो मैने गुनाह कर दिया। इसलिए कि वह विशेष परिवार के हैं उनके खिलाफ चुनाव नही लड़ सकता और मैने चुनाव लड़ने की चेष्ठा की तो मेरे ऊपर किस प्रकार से झूंठे आरोप लगाये गये। 20 हजार रूपये के ताजिया के चंदे की लूट का एक झूंठा आरोप। वह व्यक्ति आज भी कन्नौज में मौजूद उससे जा करके पूछिएगा क्या इस प्रकार की कोई घटना घटी थी और किस प्रकार से मेरे ऊपर मोटरसाइकिल लूट का आरोप फिर इसके बाद मेरे ऊपर जिस प्रकार से आगजनी, हत्या का प्रयास, 120बी, 302 और गैंगेस्टर जैसे तमाम धाराएं लगाई गई। रात्रि में ढाई बजे यहाॅं पर मेरे घर में जिस कमरे में मेरे बच्चे, मेरी पत्नी सो रही थी, उस समय इंस्पेक्टर घुस आया और मेरे परिवार को भी उस समय पर प्रताड़ित किया गया। मेरे पाॅंच पीढ़ियों में किसी प्रकार से 151 का मुकदमा तक किसी के ऊपर दर्ज नही हुआ है। मेरे परिवार ने आज तक किसी से अभद्रता तक नही की होगी। कोई एक आदमी बोल तक नही सकता। तो कुल मिलाकर इस प्रकार की स्थिति रही होगी, कि शहर एक मिश्रित आबादी का है और सब जानते है कि मै और मेरे परिवार का किसी प्रकार से चलन है। तो इसके लिए मुझे किसी से विवाद नही लेना लेकिन इस प्रकार का अत्याचार मेरे ऊपर उस समय पर किया गया वह बहुत निंदनीय है। मै जेल भी रहा समाजवादी पार्टी की सरकार में तो सरकार थी तो इस प्रकार का अत्याचार और आज जब सरकार नही है तो किस प्रकार के झूंठे षणयन्त्र, झूंठ, फरेब, बिना किसी तथ्य के आरोप लगाना उसका कोई प्रमाण नही। ऐसे आरोपों को लगाना और इसके बाद झूंठ फैलाना। यह इनकी आदत में है, जो मूर्ति तिर्वा में स्थापित है रानी आवंती बाई लोधी जी को उसके लिए कहना कि मूर्ति न लगने देना तो यह इस प्रकार से घृणित शब्दों का प्रयोग भी अखिलेश के माध्यम से हुआ और साथ-साथ मुझे जान से मारने की धमकी भी उनके सामने दी गयी। ताली बजाते रहे, अखिलेश जी द्वारा उनके इशारे पर मुझे धमकी दी गई। तो कुल मिलाकर यह सारा विषय है जो काफी निंदनीय है मै चुनाव आयोग को मांग करता हॅूं कि एफआईआर अखिलेश यादव जी के खिलाफ होना चाहिए क्यों कि वह स्वयं मंच के ऊपर थे, मंच उनका ही था। कोई दूसरा मंच पर बोलता उसका अर्थ नही होता। अखिलेश जी के बगैर बताये, अखिलेश जी के बगैर इशारे के उनके आगे कोई बोल ही नही सकता। इसलिए यह अखिलेश जी का सीधा-सीधा 2014 का चुनाव उनकी पत्नी के खिलाफ लड़ने के कारण से और 2019 में उनकी घोषणा से मै कन्नौज से लडूंगा उसके बावजूद भी मेरा कन्नौज से आ जाने के कारण से अब वह मुझे मेरी जानमाल का भी है।
भाजपा प्रत्याशी एवं सांसद सुब्रत ने कहा अखिलेश यादव पर हो एफआईआर
कुल मिलाकर मै तो मांग कर रहा हूॅं चुनाव आयोग से कि अखिलेश यादव जी के ऊपर एफआईआर हो, जैसे अखिलेश यादव है तो उन्हीें इशारे पर इस प्रकार की टिप्पणी की जाती है। हमलोग ज्ञापन देंगे कि जिस प्रकार से अखिलेश यादव जी ऊपर एससी एक्ट की भी कार्यवाही होनी चाहिए, जिस प्रकार से उनके इशारे पर अनुसूचित समाज का अपमान किया गया और साथ ही साथ जो उनके इशारे पर मुझे धमकी दी गयी, तो इसको आयोग संज्ञान में ले और अखिलेश यादव जी के ऊपर कार्यवाही करे प्रतिबंध लगाये और आपने देखा होगा कि उसमें धन का भी उपयोग होगा यानि तन, मन, धन सब कुछ करेंगे तो यानि कुल मिलाकर इस प्रकार की आप समझ सकते हैं कि काले धन का भी उपयोग अखिलेश जी इस चुनाव में कराना चाहते है तो उसका भी उदाहरण मंच से प्रस्तुत किये जा रहे थे कल।