रांची : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य डा. आशा लकड़ा ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित आयोग के कार्यालय में आवंटित राज्यों व विभिन्न विभागों से संबंधित लंबित मामलों को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस क्रम में उन्होंने अधिकारियों को प्रत्येक राज्य का अप-टू-डेट केस केटेगरी के साथ तैयार करने के निर्देश दिए। इस कार्य के लिए उन्होंने फार्मेट तय कर क्रम संख्या, पीड़ित का नाम, आरोपित का नाम, समस्या व शिकायत की तिथि, वर्तमान स्टेटस रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि प्रत्येक राज्य के लिए तीन केटेगरी निर्धारित किए गए हैं। ईएसडीडब्ल्यू केटेगरी के तहत सामाजिक/आर्थिक, विस्थापन, पुनर्वास, जमीन आदि से संबंधित मामले, एसएसडब्ल्यू केटेगरी के तहत सरकारी कर्मियों के जाति, प्रोन्नति, नौकरी व कार्यशैली से संबंधित मामले और एसएससीआर केटेगरी के तहत हत्या, दुष्कर्म, मारपीट, जमीन हड़पने व आगजनी इत्यादि से संबंधित मामले शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक मामलों की सुनवाई आसान होती है। ट्राइबल एरिया में आइएएस व आइपीएस अधिकारियों को सभी जानते हैं, लेकिन उनके अधीन कार्य करने वाले एसटी कर्मचारियों की संख्या व उनकी स्थिति क्या है, इसकी जानकारी नहीं होती है। इसलिए आयोग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि आवंटित राज्यों में संबंधित अधिकारियों के अधीन कार्य करने वाले एसटी कर्मचारियों की केटेगरी से संबंधित फाइल तैयार करें, ताकि जब संबंधित राज्य के सरकार के साथ मीटिंग होगी तो उनके साथ इस मामले पर विस्तार पूर्वक चर्चा की जा सके। डा. आशा लकड़ा ने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में आवंटित राज्यों से संबंधित लंबित मामलों की कुल संख्या 519 है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि संबंधित राज्यों से संबंधित लंबित मामलों की डिटेल केस स्टडी तैयार करें। मुझे आवंटित किए गए 15 राज्य व 19 विभागों की जिम्मेदारी दी गई है।आयोग के अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद केटेगरी व प्राथमिकता के आधार संबंधित मामलों की सुनवाई शुरू की जाएगी। मौके पर आयोग की संयुक्त सचिव कोनथांग तोउथांग, आरएमडी एपीसीआर निदेशक मिरांडा इंदुदम, उप निदेशक आरके दूबे, एचआर आरएस मिश्रा, रिसर्च अधिकारी एचआर मीणा, पैनल अधिवक्ता शुभाशीष सोरेन इत्यादि उपस्थित थे।