तेनुघाट पंचायत भवन के पास अनुमंडल स्तरीय सरहुल पर्व बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । सरहुल पूजा में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे गोमिया के पूर्व विधायक सह ओबीसी पिछड़ा के अध्यक्ष योगेंद्र महतो ने कहा कि सरहुल पूजा प्राकृतिक की पूजा है, जो नव वर्ष में प्रवेश के बाद ईश्वर से प्रार्थना कर सभी परिवारों के सदस्यों और घर में खुशहाली हो और सब परिवार खुशहाल रहे इसकी कामना की जाती है । आगे उन्होंने कहा की आदिवासी समाज के द्वारा सांस्कृतिक और प्राकृतिक का सुरक्षा मूल रूप से किया जाता रहा है । कहीं कोई संदेह नहीं है प्रकृति और संस्कृति रक्षा आदिवासी समाज के द्वारा संरक्षित की गई है । उन्होंने आगे बताया संस्कृति और सभ्यता यदि संरक्षित है तो कहीं ना कहीं आदिवासी समाज के भाई बंधु का बहुत बड़ी भूमिका रही है ।लोगों को सरहुल पर्व के अवसर पर सभी को बधाई और शुभकामना दिया । इस मौके पर जिला परिषद पूर्व उपाध्यक्ष राधानाथ सोरेन, पेटरवार प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष मुकेश महतो, प्रकाश महतो, अरविंद मुर्मू, चापी पूर्व मुखिया श्रीराम हेमबम, पूर्व पंचायत समिति सदस्य सुख लाल मुर्मू, सीताराम मुर्मू, बाबू चंद सोरेन, कालेश्वर सोरेन, दिलीप सोरेन, मिथुन सोरेन, लालजी टुड्डू, पंकज नायक, शालिग्राम प्रसाद, राजन नायक सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे । वहीं इससे पूर्व आदिवासी संथालों का पूजा स्थल में पूजा अर्चना पारंपरिक रूप से संथालों के पुजारी नायके द्वारा बहा (फूल) चढ़ाकर और नायके ने सभी को माथे में फूल लगाकर सबों को आशीर्वाद देकर सबको बहा पर्व का शुभकामनाएं दिया ।

इसके बाद सांस्कृतिक नृत्य ढोल नगाड़ा के माध्यम बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । आदिवासियों का यह सबसे बड़ा प्रकृति पर्व बसंत ऋतु में तीन से चार दिनों तक मनाए जाने वाला प्रमुख पर्व है । यह मुख्यत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के तृतीय से शुरू होता है और पूर्णिमा को समाप्त होती है । वसंत ऋतु में अपनी पुरानी पतियों को गिराकर टहनियों पर नई नई पतियां लाने लगती है जिसे फूलों का त्योहार भी कहा जाता है । आदिवासियों में इसे विभिन्न नामों से जाए जाते हैं जैसे बहा, सरहुल ऐसे मान्यता है सालों की वृक्षों में जनजातियों के देवता बोंगा निवास करते हैं । सरहुल अर्थात सर – साल हूल -क्रांति का भी प्रतीक माना जाता है। वही इस अवसर पर ढोल नगाड़ों के साथ आदिवासी नृत्य के साथ सभी ने इसका आनंद उठाया । साथ ही बच्चों ने भी मेला में भी पूरा आनंद उठाया ।