रायबरेली में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर लगातार जनता यह कयास लग रही है कि, आज प्रत्याशी घोषित होगा फिर दूसरे दिन आज प्रत्याशी घोषित होगा।लेकिन अभी तक किसी भी पार्टी का प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ है। इसी तरह नगर पालिका चुनाव में यही हाल हुआ था, अंत में परिणाम भी सामने आ गया है।जिसको लेकर अब बड़ी हलचल मची हुई है। इस सत्य को स्वीकारना ही होगा। रायबरेली लोकसभा सीट पर नगर पालिका चुनाव जैसा माहौल बनता जा रहा है, जो जीत का कारण नगर पालिका चुनाव में रहा हैं। ठीक उसी रास्ते पर लोकसभा चुनाव होने के प्रबल संकेत मिल चुके हैं। भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी से सम्भावित कॉंग्रेस प्रत्याशी प्रियंका गाँधी की लाखो से जीत सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त कर रही है ।सूत्रों की माने तो भाजपा ले लोग भी अंदर खाने टूट रहे हैं और उस 26 व 27 अप्रैल के इंतजार कर रहे है। जब गांधी परिवार यहाँ नामांकन प्रक्रिया को आएंगे। सपा के बागी विधायक और अपना टिकट पक्का मान चुके मंत्री जी की जो भी राजनीतिक रणनीति हो वह अलग है। और मंत्री जी लगातार चार महीने में चार-चार बार अपने सभी विधानसभा क्षेत्र ब्लॉकों में बैठके व मीटिंग कर चुके हैं। वहीं नए नवेले भाजपाई वह ऊंचाहार विधायक भी एक माह से लगातार जनसंपर्क में जुटे हुए हैं। लगातार भाजपा के बढ़ रहे कुनबे में भी अभी सेट को लेकर संसय बरकरार है। लेकिन यूपी में भाजपा की 80 में 80 की उम्मीद में लगभग बदल गयी हैं। लोगों को भले ही लग रहा है कि रायबरेली में कांग्रेस सुस्त पड़ी है। लेकिन वास्तव में कांग्रेस की तैयारी तिलक भवन से मत देखिए रायबरेली में कांग्रेस के चुनावी जमीन तैयार करने में पर्दे के पीछे से कई लोग रणनीतिक रूप से सक्रिय हैं। इसमें कुछ समाजसेवी और जिले के कुछ खबरनवीस भी शामिल है।जो दिल्ली कांग्रेसी नेताओं के सीधे संपर्क में हैं और लगातार एक दूसरे को शिकस्त देने की कवायद चल रही है। फैसला तो 4 जून को ही होगा, किसके सर होगा राज तिलक।