आखिर क्यों अराजक तत्वों को बचा रही डीह पुलिस..?
उपनिरीक्षक की सांठ गांठ को भांपने में नाकाम थानेदार अरविंद
रिपोर्ट : शिवा मौर्या
रायबरेली जिले की कानून व्यवस्था आए दिन चरमराती हुई नजर आ रही है क्योंकि कानून के जिम्मेदार ही चंद पैसों के चलते इंसाफ की आवाज को दबाने का काम कर रहे है। ऐसा ही डीह में देखने को मिल रहा है। थाना प्रभारी अरविंद सिंह की नाक के नीचे महिला को बुरी तरह से प्रताड़ित करने वाले दरिंदे खुलेआम घूम रहे है, तो थानेदार साहब कुंभकर्णी नींद में मस्त है। चंद दिनों पहले थाना क्षेत्र के घूंसापुर मजरे जगदीशपुर में निवास करने वाली महिला खेत से कुछ कार्य करके वापस लौट रही थी, तभी पुरानी रंजिश का बदला लेने की फिराक में बैठे गांव के कुछ अराजक तत्वों ने महिला पर विद्युत का तार फेक दिया। जिससे की महिला बुरी तरीके से जल गई और मौके पर ही बेहोश हो गई। परिजनों के द्वारा महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन महिला की हालत गंभीर होते देखा प्राथमिक उपचार के उपरांत ही चिकित्सक के द्वारा महिला को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। बाद में परिजनों ने थाने में पहुंचकर अराजक तत्वों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की, लेकिन डीह पुलिस ने कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की। शिकायती पत्र लेने के बाद थाने में तैनात उपनिरीक्षक हफ्तों तक मामले को दबाने की जुगत करते है ना जाने उपनिरीक्षक अराजक तत्वों पर क्यों इतना मेहरबान है..? उपनिरीक्षक के भ्रष्टाचारी इरादों को इसी बात से समझा जा सकता है, कि हफ्तों बीतने के बावजूद भी डीह थाने में इस गंभीर मामले पर प्राथमिकी नही दर्ज हुई। सूत्रों की माने तो विपक्षी एक बड़े भाजपा नेता के करीबी बताए जाते है। शायद यही वजह है जिसके चलते दरोगा जी मामले को गोल गोल घुमाने का कार्य कर रहे है। इतना ही नहीं थानेदार अरविंद सिंह भी मामले पर तनिक भी गंभीर नजर नही आ रहे है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या थानेदार अरविंद सिंह जानबूझकर महिला को न्याय नहीं देना चाहते या फिर भाजपा नेता के दबाव के चलते मामले को दबाने की साजिश डीह पुलिस के द्वारा की जा रही है..?