रायबरेली जिला अस्पताल इन दिनों सुर्खियों में जरूर बना है। जहां पिछले दिनों पानी की समस्या से जूझ रहे जिला अस्पताल के कॉलोनीयो में पानी की समस्या व अस्पताल परिसर में लोगो मे आक्रोश देखने को मिला। वही मरीज से लेकर तिमानदारो में भी इस समस्या का शिकार होते हुए दिखाई दिए। अभी यह मामला सुलझा भी नहीं था, कि इमरजेंसी में तैनात फार्मासिस्ट बी एन सिंह की लापरवाही चर्चा का विषय बन गई। जब एक व्यक्ति गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूत्रों की माने तो बताया जाता है, कि वह व्यक्ति कहीं पर रुक कर पानी पीने के बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उसे जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां पर डॉक्टर ने उसे मृत्यु घोषित कर दिया परिजनों को सूचना देने के बाद परिजन जब इमरजेंसी पहुंचते हैं, तो वहां पर तैनात फार्मासिस्ट बी एन सिंह पहले तो अपने पुराने अंदाज लहजे से बात करते हुए परिजनों से तू तू मैं मैं करने लगे। यह कोई पहला मामला नही है जब फार्मासिस्ट बी एन सिंह के द्वारा मरीजो के तिमानदारो से बदतमीजी नहीं की गई हो, जिसके लिए उनको इमरजेंसी से हटाकर दूसरी जगह पोस्ट किया गया था। लेकिन जुगाड़ की करामात से साहब फिर से इमरजेंसी के फार्मासिस्ट पद पर तैनात हो गए और आज चर्चा का विषय भी बन गए परिजनों ने मृतक को लेने की बात कही तो उन्होंने कहा कि सुबह आकर आप बॉडी ले लीजिए। लेकिन इसी बीच मृतक का पंचनामा करवा कर मर्रचुरी में रखवा दिया गया। जब परिजनों को बॉडी सुबह देने की बात कही गई, तो इस बीच क्या ऐसी स्थिति बन गई की अन्नान फानन में उसका पोस्टमार्टम करवाने की जरूरत पड़ गई। परिजनों ने इमरजेंसी में जमकर हंगामा काटा और जिला अस्पताल की आप बीती बताई आप भी सुनिए परिजनों व अस्पताल में अपने मरीज का उपचार करने हेतु तिमानदारो ने क्या कहा जब इस पूरे मामले पर सीएमएस से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने अपना फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा सबसे बड़ी बात फायर व्यवस्था खराब हो जाना ऑक्सीजन की व्यवस्था सही तरीके से ना चलना इन सब चीजों पर लगातार खबरें प्रकाशित हो रही है। लेकिन ना तो इस पर जिला प्रशाशन गंभीर क्यो नही है और ना ही स्वास्थ्य महकमें के अधिकारी इससे अंदाजा लगाया जा सकता है, कि भीषण गर्मी में जो मरीज जिला अस्पताल में एडमिट है। वह किन हालातो से गुजर रहे होंगे शायद मरीज ही जानते होंगे मरीज़ आते हैं। उपचार करने की उन्हें लाभ मिल सके लेकिन जिला अस्पताल मरीजों के लिए नर्क बनता साबित जरूर हो रहा है। अब देखना यह होगा की खबर प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग इस पर कितना गंभीर होता है यह तो आने वाला समय तय करेगा।