साडम पुर्वी तथा साडम पश्चिम पंचायत के सैकड़ो लोग साडम स्थित भारती कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यालय शुक्रवार को पहुंचे और पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा झारखंड आंदोलनकारी इफ्तिखार महमूद से सहारा इंडिया द्वारा हड़प लिया गया पैसा वापस करवाने हेतु प्रयास करने का आग्रह किया। मजदूरी या अन्य छोटा-मोटा धंधा करके जीवन निर्वाह करने वाले लोगों ने श्री महमूद को बतलाया कि आर्थिक तंगी के बावजूद भविष्य के लिए कमाई में से थोड़ा-थोड़ा पैसा सहारा इंडिया में जमा करते रहे हैं। निर्धारित अवधि पूरा होने के बाद दो गुना होने का सपना दिखलाकर पैसा को पुण: सहारा इंडिया द्वारा जमा रख लिया गया और अब सहारा के एजेंट निष्क्रिय हो गया है। गोमिया स्थित सहारा का कार्यालय भी बंद हो जाने से जमा पैसा वापस मिलने की संभावना खत्म हो गई है। लोगों ने निराश होकर श्री महमूद से पैसा वापस करवाने का आग्रह किया। श्री महमूद ने लोगों को भरोसा देते हुए कहा कि सहारा में जमाकर्ताओं का पैसा डूबाने में केंद्र सरकार के सहकारिता मंत्रालय तथा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) का सहभागिता दिखलाई पड़ रहीं है। कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने वर्ष 2015 ईस्वी में ही सहारा का निबंधन रद्द कर दिया था, किंतु इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं किया गया। परिणाम स्वरूप जमाकर्ताओं से पैसा जमा लेने का काम सहारा ने 2015 ईस्वी के बाद भी जारी रखा। भारत सरकार की संस्था सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) का काम जमाकर्ताओं को सुरक्षा देने का है, लेकिन सेबी भी सहारा के पक्ष में ही दिखलाई पड़ रही है। श्री महमूद ने कहा कि समाज के जिन लोगों को आर्थिक विकास के लिए सरकार की मदद की जरूरत पड़ती है। वैसे ही लोग सरकारी लापरवाही के कारण सहारा द्वारा लूट लिये गये है। उन्होंने कहा कि सहारा में जमा कर्ताओं का डूब गया पैसा निकलने का प्रयास किया जाएगा।