जारंगडीह बाजार के दुकान में रविवार की अहले सुबह स्थानीय लोगों ने एक नाबालिग चोर को रंगे हाथ चोरी करते पकड़ा। जिसे बाद पुलिस आने से पूर्व ही कथित एक मजदूर नेता द्वारा वहां से उसे भगा दिया गया, ऐसी चर्चा क्षेत्र में जोरो पर है। बताया जाता है कि जारंगडीह बाजार की एक गैरेज का दिवार तोड़ कर स्थानीय एक युवक द्वारा चोरी की घटना को अंजाम दिया जा रहा था। इसी बीच उधर से गुजर रहे स्थानीय लोगों की नजर उस पर पड़ी। लोगों ने चोरी के समान के साथ उक्त चोर को पकड़ कर उसे वही स्थित एक वृक्ष के तने में बांध दिया। लोगो द्वारा पूछे जाने पर वहां के होटल से भी समाग्री चोरी किए जाने की बात स्वीकार की साथ ही अपना नाम बताया तथा पिता का नाम भी बताया। कथित रूप चोर को पकड़ कर बांधे जाने की सूचना स्थानीय मीडिया कर्मियों द्वारा बोकारो थर्मल थाना प्रभारी को दी गई, जब तक बोकारो थर्मल पुलिस घटना स्थल तक पहुंचती कथित एक मजदूर नेता चोर के परिजनों द्वारा दीवार की मरम्मति कराए जाने की आश्वासन के बाद वृक्ष के तने से बंधे चोर को खोलकर वहां से भगा दिया गया। घटनास्थल पर उपस्थित एक निजी डंपर चालक सचिन यादव ने बताया कि 2 दिन पूर्व उक्त चोर द्वारा डंफर में सोए अवस्था में उसका मोबाइल ड्राइविंग लाइसेंस तथा 500 रुपए की चोरी कर ली गई थी ।घटना का खास पहलू यह है कि कि पुलिस घटना स्थल पर पहुंचकर आरोपी की तलाश सूचना की सत्यता की जांच करने की बजाय लोगों से सूचक के निशान देही की ही तलाश शुरू कर दी। जिस कारण पुलिस के जाते ही चोर समर्थकों में सूचक के प्रति दुर्भावनाए ग्रसित होने लगी। सवाल यह उठता है कि क्या सूचक का नाम पुलिस द्वारा सार्वजनिक करना जायज था, यदि नहीं तो ऐसा क्यों किया गया । कहां जा रहा है कि अब किसी प्रकार की घटना के सूचना शायद ही स्थानीय पुलिस को मिल पाएगा ।

दुसरी तरफ इन दिनों जारंगडीह व आसपास के क्षेत्रों में नाबालिगो के बीच नशा का प्रचलन जोरो पर है। शराब की बाते तो दुर ये बच्चे सनफिक्स जैसे नशे का सेवन काफी मात्रा में करते हैं। इसी नशिले पदार्थ को हासिल करने के लिए ये बच्चे छोटों उम्र में ही अपराध यानी चोरी के छोटे मोटे घटनाओं को अंजाम देता रहता है। यहां चोरी का एक ऐसा समुह पनप रहा है, जो नशे के पुरी तरह आदि हो चुके है और बच्चों का चोरो का समुह एक ना एक दिन स्थानीय पुलिस, प्रशासन के लिए चुनौती साबित होगी तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।