पेटरवार प्रखंड के विभिन्न टोलो के ग्रामीण आज भी जनप्रतिनिधियों एवं पेयजल विभाग के अधिकारियों के उदासीनता के कारण पानी के लिए काफी जहोद्दत करती दिखाई पड़ रही है। विडंबना यह है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा हर घर नल जल योजना के तहत पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर योजनाएं संचालित की गई थी। लेकिन आज भी संवेदक, पी एच ई डी के पदाधिकारियों के कारण ये नल-जल योजना हांथी के दाँत बनकर रह गए है. या ये कहे की पदाधिकारी चाहते ही नहीं की इस योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिले। वहीं पानी की समस्या को लेकर क्या बोलते है ग्रामीण :

जवाहर लाल महथा ने बताया की चालीस-पचास साल से यहाँ रह रहे है लेकिन सरकार के द्वारा आज तक पानी की सुविधा नहीं की गई। सांसद, विधायक के कहने के बाद पानी की पाईप तो बिछ गई लेकिन पदाधिकारी अभी तक पानी की समस्या से निदान नहीं कर सके. जब ऊपर से किसी नेता का दबाव आता है तो नींद खुलती है।
वही मनोज जायसवाल ने बताया की एक चापाकल पर लगभग दो से ढाई सौ लोग पानी के लिए निर्भर है उसमे भी चापाकल बार-बार इयर ले लेता है। पानी के लिए लोगो को घंटो इंतजार करना पड़ता है, लेकिन कोई भी पदाधिकारी हम लोगो का सुध लेने वाला नहीं है।

जबकि प्रकाश साहू ने बताया की पानी लाने मे बहुत ही दिक्क़त होता है। एक चापाकल है जो बार-बार इयर ले लेता है। पाईप तो बिछा हुआ है लेकिन पानी नहीं के बराबर आता है। वहीं केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा गाँव में करोड़ों रुपए की लागत से ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजना के तहत पाइपलाइन बिछाई गई। वहीं कई टोलो मे आनन फानन में ₹320 और आधार कार्ड लेकर पानी का कनेक्शन ग्रामीणों को दे दिया गया। लेकिन आज भी समस्या जस का तस रह गया। आज भी पेटरवार के विभिन्न टोलो में पानी की गंभीर समस्या है। ग्रामीणों ने बताया की अधिक गर्मी के कारण कुंआ, तालाब सूख चुके हैं।