रायबरेली में लोकसभा चुनाव के दिन 20 मई को सपा कार्यकर्ता की पिटाई और टांग तोड़े जाने के मामले में आज बुधवार को छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल यहां पहुंचा है। प्रतिनिधिमंडल ने घटनास्थल वाले गांव पहुंच कर तथ्यों को संकलित किया है। मामला डीह थाना इलाके के अमेठी लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले बारा गांव का है। आरोप है कि यहां बारा गांव के एक बूथ में जितेंद्र यादव एजेंट के तौर पर तैनात था। उसी दौरान भाजपा समर्थित छ्तोह ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि विशाल सिंह से पहले उसकी कहा सुनी हुई। आरोप है कि बाद में जितेंद्र यादव बोगस वोटिंग के खिलाफ ज्यादा मुखर हुआ तो उसे विशाल सिंह ने साथियों के साथ पीट पीट कर अधमरा करने के साथ ही उसका पैर तोड़ दिया। इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने भी मामले को हल्के में लेते हुए जितेंद्र यादव के खिलाफ क्रॉस एफआईआर दर्ज कर दी थी। आज इसी मामले में सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव के निर्देश पर जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह की अगुवाई में छह सदस्यीय दल ने ग्राम बारा पहुंच कर तथ्यों को संकलित किया है। प्रतिनिधिमंडल में विधायक कमाल अख्तर समेत स्थानीय विधायक मौजदू रहे। इस मामले में प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे सपा नेता सुनील साजन ने बताया कि इस मामले में भाजपा से जुड़ा हिस्ट्रीशीटर शामिल है, जिसे लेकर पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई है। फिलहाल प्रतिनिधिमंडल से पुलिस ने धाराएं बढ़ाने और गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो समाजवादी पार्टी सड़क से संसद तक लड़ेगी।