गोमिया प्रखंड क्षेत्र ललपनिया पंचायत के ग्राम केरी में बीते रात जंगली हांथीयो ने जमकर उत्पात मचाया। यहां केरी, ऐदेलकोचा टोला निवासी सरजू सोरेन पिता फूलचंद मांझी का कच्चा मकान को 4-5 हाथियों के झुंड ने गिरा दिया। हाथियों ने न सिर्फ घर गिराया, बल्कि घर में रखा हुआ चावल, महुआ इत्यादि जो भी उपयोगी समान थे सारा सामान छतिग्रस्त कर दिया, इसमें बर्तन भी शामिल है। स्थिति यह हो गई है कि सरजू सोरेन का पूरा परिवार खुले आसमान के नीचे आ गया है। बता दें कि विगत 2019 मेंउक्त आदिवासी का घर हाथियों ने गिराया था, जिसमें वन विभाग ने मात्र 5000 की सहायता राशि दिया था। गरीबी रेखा से नीचे के उक्त परिवार ने मिट्टी का छोटा मकान बना कर रह रहा था। इस बार उस छोटे मकान को भी हाथियों ने गिरा दिया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी नेता एवं झारखंड आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद ने बतलाया कि वीते दिनों डीएफओ बोकारो से मिलकर बात किया था और सलाह दिया था कि हाथी प्रभावित गांवों में ही नौजवानों का दस्ता बनाया जाए, क्योंकि वन विभाग का दस्ता गांव जब तक पहुंचता है। उसके पहले ही हाथी अपना काम तमाम कर देता है। श्री महमूद के प्रस्ताव पर डीएफओ ने विचार करने की बात अवश्य किया, किंतु कई महीना बित जाने के बाद भी वन विभाग संवेदनशील दिखलाई नहीं पड़ रही है और हाथियों का कहर ग्रामीणों पर गिरता जा रहा है। मोहम्मद ने कहा कि वन विभाग जो सहायता पहुंचाती है। वह हुए नुकसान का आधा भी नहीं रहता है। फलस्वरूप जिनका भी क्षति होता है वह आर्थिक रूपसे और कमजोर हो जाते हैं।