पुलिस, प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर किया था भरपूर इंतजाम
मुस्लिम समुदायों का दुसरा सबसे बड़ा त्योहार ईद उल अजहा यानी बकरीद का त्योहार सोमवार को जारंगडीह मे धुमधाम व हर्षोल्लास तथा शांति व सौहादपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। हालांकि इसकी तैयारी उपरोक्त समुदाय के लोग महिनों पहले से ही शुरू कर देते हैं जैसे कुर्बानी के लिए बकरे आदि खरीदना इसमे मुख्य रूप से शामिल है। मगर बकरीद के दिन अहले सुबह मुस्लिम समुदाय के लोग अपने अपने पास के मस्जिदों व ईदगाहों मे जमा होते हैं। जहां दो रकात नमाज अदा करने के बाद धर्म गुरुओं द्वारा लंबी दुआएं की जाती है। नमाज अदा करने के बाद लोग एक दुसरे को लगे लगा कर मुबारकबाद देते हैं और फिर लोग अपने अपने घरों में लौट बकरों को खुदा के राह में कुर्बान करते यानी कुर्बानी करते हैं। बकरीद को ऐसे भी यादे इब्राहिमी के तौर पर मनाया जाता है। यह त्योहार यही संदेश देता है, कि किस तरह अपने रब के आदेश पर अपनी सबसे किमती चीज कुर्बान कर दिया जाता है। जारंगडीह ही नही बेरमो अनुमंडल के सभी क्षेत्रों में आज अहले सुबह से ही काफी चहल-पहल बढ़ गई थी। लोगों नये नये कपड़े पहन मस्जिद व ईदगाह की ओर निकल चुके थे जहां पहुच लोगो ने बकरीद की नमाज अदा की। वही इस त्योहार मे शांति और व्यवस्था कायम रखने के लिए सुबह से ही पुलिस प्रशासन द्वारा सभी इबादतगाहो और ईदगाहों पर तथा चौक चौराहों बाजारो आदि मे भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की गई थी खास कर प्रशासन के लोगों की पैनी नजर ऐसे तत्वो पर बनी हुई थी, जो त्योहार के मौके पर रंग में भंग डालने का काम करते हैं। बहरहाल आज पुरे बेरमो अनुमंडल के सभी क्षेत्रों में बकरीद का त्योहार शांति व सौहादपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हो गया।