राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष सह गोमिया पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद महतो जी ने मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को एक महत्वपूर्ण पत्र प्रेषित किया है। जिसमें उन्होंने JPSC एवं JSSC के द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अत्यंत पिछड़ा वर्ग तथा पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को मिलने वाली अधिकतम उम्र सीमा की छूट को 2 से 5 वर्ष करने हेतु नियमावली में आवश्यक संशोधन करने की पहल करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि अभी राज्य में अधिकतम 2 वर्ष की उम्र सीमा में छूट दी जाती है। जबकि,छत्तीसगढ़,मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्गों को उम्र सीमा के पांच साल की छूट दी जाती है। झारखंड में उम्र सीमा में 5 साल की छूट नहीं मिलने से अत्यंत पिछड़ा एवं पिछड़ा वर्ग अभ्यर्थी अपने हक व अधिकार से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने पत्र में कहा है कि पिछड़ा वर्ग आयोग की दिनांक 20-02-2024 को आहूत बैठक में उक्त मामले पर विस्तृत विचारोपरांत लिएगए निर्णय के आलोकमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग व पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी को उम्र सीमा में 5 वर्षों की छूट प्रदान कर ने के अनुशंसा आयोग के पत्रांक 85/पि0 दिनांक 27-02 -2024 द्वारा कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग, झारखंड, रांची को प्रेषित किया गया है, परंतु अभी तक कृत कार्रवाई की सूचना अप्राप्त है। माननीय अध्यक्ष जी ने प्रेषित पत्र में उल्लेख किया है कि राज्य सरकार के द्वारा वर्तमान में व्यापक रूप से विभिन्न पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई किया जाना है। जिसमें पिछड़ी जाति, अत्यंत पिछड़ी जाति के अभ्यर्थी वंचित न रह जाए, इसके लिए आयोग द्वारा दिनांक 25-6-24 की बैठक में पुनः सरकार को अनुशंसा भेजने का निर्णय लिया गया है। आयोग के दफ्तर मे मंगलवार को श्री महतो की अध्यक्षता में संपन्न बैठक मे आयोग के सदस्यों के द्वारा अध्यक्ष को संबोधित संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र छाया प्रति संलग्न के आलोक में तमिलनाडु आंध्र प्रदेश मध्य प्रदेश एवं बिहार की तर्ज पर झारखंड राज्य में भी पिछले वर्ग के सामाजिक आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास हेतु स्वतंत्र पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय व निदेशालय का गठन करने का प्रस्ताव सरकार को भेजने का निर्णय आयोग द्वारा गठित टीमने मध्यप्रदेश एवं बिहार राज्य का भ्रमणकर ट्रिपल टेस्ट केलिए अपनाई गई प्रक्रिया का अध्ययन किया है। तुलनात्मक समीक्षा के उपरांत झारखंड राज्य में ट्रिपल टेस्ट का कार्य मध्य प्रदेश राज्य के द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया के तर्ज पर करने का निर्णय, पिछले वर्गों के लिए राज्य आयोग, झारखंड, रांची की टीम को बिहार भ्रमण के दौरान जानकारी प्राप्त हुई कि बिहार के सभी जिलों में पिछले वर्गों के लिए कन्या आवासीय विद्यालय संचालित है। झारखंड राज्य के सभी जिलों में पिछड़ी जाति के बालक एवं बालिकाओं के लिए आवश्यक विद्यालय खोलने के अनुशंसा अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग कल्याण विभागको भेजने हेतू प्रस्ताव पारितकर निर्णय लिया गया।