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ऑनलाइन हाजिरी के खिलाफ आरएसएम ने खोला मोर्चा, मांग न पूरी होने तक करेंगे विरोध

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डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति आदेश के विरोध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा

समस्याओं के समाधान उपरांत ही लागू हो डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था

हजारों शिक्षक ने कहा कि हम स्वीकार नहीं करेंगे ऑनलाइन हाजिरी

ऑनलाइन हाजिरी और डिजिटलाइजेशन के खिलाफ राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने जिला मुख्यालय पर विशाल धरना प्रदर्शन किया। प्रदेशीय आवाह्न पर जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में हजारों शिक्षकों की मौजूदगी में डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।

प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह ने कहा कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा 8 जुलाई से पंजिकाओं का डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति देने का आदेश निर्गत किया गया है जो कि तुगलकी फरमान है। विभागीय अधिकारी वातानुकूलित कक्ष में बैठकर बिना जमीनी हकीकत जाने ही इस प्रकार के अव्यवहारिक आदेश करते रहते हैं, जिनमें आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों को दूर किए बिना उसको लागू करा पाना संभव ही नहीं है। जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह और  जिला कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेशीय नेतृत्व द्वारा कई बार महानिदेशक स्कूल शिक्षा को ज्ञापन सौंपकर डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं को दूर करने की मांग की गई थी।

जिला महामंत्री संजय कनौजिया ने कहा कि 14 मार्च 2024 को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय में धरना भी किया गया था। तब महानिदेशक द्वारा संगठन के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया गया था कि डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं के निस्तारण के पश्चात ही इसे लागू किया जाएगा। किंतु मांगे पूरी नहीं की गई। जिला संगठन मंत्री मधुकर सिंह ने कहा कि विभागीय अधिकारी दमन पूर्वक डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था लागू करना चाहते हैं जिसका संगठन पुरजोर विरोध करता है।

जिला कोषाध्यक्ष राजेश कुमार मौर्य ने कहा कि महासंघ विभागीय व सामाजिक दायित्वों के प्रति सजग रहकर छात्र हित व शिक्षा हित में इस आदेश का बहिष्कार कर रहा है।  जिला संयुक्त महामंत्री हरिमोहन यादव और ऑडिटर अनुराग सिंह ने कहा कि प्रमुख समस्याओं का समाधान किये बिना ही विभागीय अधिकारियों द्वारा भय का वातावरण बनाकर डिजिटलाइजेशन /ऑनलाइन उपस्थिति (फेस रिकग्निशन) की व्यवस्था केवल बेसिक शिक्षा विभाग में ही लागू की जा रही है। इससे पूरे प्रदेश का शिक्षक समाज स्वयं को अपमानित एवं ठगा महसूस कर रहा है। शिक्षकों में शासन व विभाग के प्रति व्यापक आक्रोश है। विशाल प्रदर्शन का संचालन रणविजय सिंह गंगापारी ने किया।
     
ज्ञापन सौंपने वालों में वीरेन्द्र चौधरी, जयकरन, सुनीता चौधरी, शशिदेवी, पुष्पलता पाण्डेय, प्रतिमा सिंह, अनूप सिंह, हरिशरण मौर्य, दिनेश प्रताप सिंह, अनुराग मिश्रा, आशुतोष शुक्ल, वेद प्रकाश यादव, आशुतोष मौर्या, संजय सिंह, राकेश गौतम, बृजेन्द्र कुमार, रामेश्वर, अवधेश कुमार, मोहित पटेल, रविन्द्र सिंह यादव, सुशील शुक्ला, पंकज सिंह, सुरेश यादव, कमलेश, सरोज कुमार, संदीप सिंह,विमला यादव, सुनीति सिंह, कविता गौतम, शालिनी सिंह, मालती देवी, श्रीकान्त यादव, दिनेश सिंह, रमेश सिंह, लोकतंत्र शुक्ला, राम भरत राजभर, शशि देवी, नीरज, धर्मेंद्र, अजय सहित हजारों शिक्षक उपस्थिति रहे।


शिक्षक संगठन की प्रमुख मांगें

1- अन्य विभागों की भांति ‘हाफ डे लीव अवकाश’ का दिया जाए।

2-राज्य कर्मचारियों की भांति 30 ई.एल. या महाविद्यालयों के शिक्षकों की भांति पी.एल. दिया जाए।

3-अन्य विभागों की भांति ‘प्रतिकर अवकाश’ प्रदान किया जाए।

4-मौसम की प्रतिकूलता व विभागीय कार्यक्रमों में प्रतिभाग हेतु बी.एस.ए. को ऑनलाइन उपस्थिति में शिथिलता का अधिकार दिया जाए।

5-सर्वर क्रैश होने पर वैकल्पिक व्यवस्था का स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया जाए।

6-भेदभाव पूर्ण व शोषणकारी ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था को समाप्त कर अन्य विभागों की भांति ही उपस्थिति ली जाए।

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