तीनो सिफ्ट के कांटा अधिकारियों पर टिकी शक की सूई, मामला पहुचा मुख्यालय रांची
पीओ ने इस संबंध में बोलने से किया इंकार, एक कांटा अधिकारी को विभाग किया सस्पेंड
फिलवक्त कांटा बंद, जांच को कभी भी पहुच सकते हैं टीम
सीसीएल कथारा प्रक्षेत्र अंतर्गत जारंगडीह एक नंबर लोकल सेल कांटा घर में बीते दिनों एक ऐसा मामला सामने आया, जिससे प्रतित होता है कि यहां बड़े पैमाने पर कोयला वजन मे हेरफेर का खेल खेला गया है। घटना के संबंध मिली जानकारी के अनुसार जारंगडीह लोकल सेल की गाड़ियों को वजन करने वाली एक नंबर कांटा घर के कम्प्यूटर वायर के साथ किसी ने छोड़छाड़ करते हुए वायर को काटकर चीप गायब कर दिया है, ताकि गाड़ियों में लदे कोयले का कोई प्रमाण रिकार्ड ना हो सके। यह खबर फैलते ही सीसीएल जारंगडीह परियोजना ने कांटा घर को बंद करते हुए सीसीएल मुख्यालय को घटना की सूचना दे दी गई। वहीं इस घटना की जांच पड़ताल के लिए बीते दिनों जीएम स्वंय वहा पहुचे थे। ज्ञात हो कि इस कांटा घर में तीन सिफ्ट मे तीन अधिकारियों की नियुक्ति होने के साथ साथ अन्य कर्मचारी भी विभिन्न कार्यो के लिए नियुक्त होते हैं। अब सवाल उठता है चीप गायब करने के पिछे किसका हाथ है और चीप गायब कर कौन सा गोरखधंधा चल रहा था। मामला के तुल पकड़ते ही सीसीएल जारंगडीह पीओ द्वारा श्रवण कुमार नामक एक कांटा बाबु को सस्पेंड कर दिया गया है। जबकि तिनो सिफ्ट मे तीन अधिकारी होते हैं। इस संबंध में सस्पेंड अधिकारी श्रवण का कहना है कि मै निर्दोष हूं मुझे फंसाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मै घटना के दौरान छुट्टी पर था और 18 जुलाई को काम पर वापस लौटा तो यह सब कुछ देखा। उसके अनुसार यह घटना 16 से 18 के बीच घटी है और इस दौरान मे लीव पर था। घटना के बाद इस कांटा घर को बंद कर मुख्यालय की टीम की प्रतिक्षा की जा रही है ताकि टीम सच्चाई से पर्दा उठा सके।
क्या कहते हैं इस संबंध में जारंगडीह पीओ-इस संबंध में जारंगडीह परियोजना पदाधिकारी परमानंद गुईन से पुछे जाने पर उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से साफ यह कहते हुए मनाकर दिया कि यह मामला रांची मुख्यालय जा चुका है इस पर मै कोई भी प्रतिक्रिया नही दे सकता। यह पुछे जाने पर कि आपने एक कांटा अधिकारी को सस्पेंड किया है तो उनका जवाब था कि अधिकारी लिखित जवाब जमा करे कि घटना के दौरान वह छुट्टी पर था। बहरहाल मामला कुछ भी हो मगर जारंगडीह लोकल सेल कांटा घर के इस कांड ने यह साफ कर दिया है कि यहां कुछ ना कुछ दाल में काला जरुर है जो गहन जांच का विषय है। लोगो की माने तो अगर इस मामले की गंभीरता से जांच हुई तो छोटे पियादे के अलावे कई बड़े अधिकारियों की संलिप्तता सामने आ सकती है। दुसरे शब्दों में कहे तो कांटा से चीप हटा कर जो खेल खेला गया उसमे निश्चित तौर पर करोड़ों का लुट हुआ होगा। जिसका अब कोई प्रमाण भी नही मिल सकता क्योंकि प्रमाण संरक्षित करने वाली चीप पहले ही नामालूम लोगो ने गायब कर दी।