रिपोर्ट : नित्यानंद मंडल
धनबाद जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्र पूर्वी टुंडी प्रखंड के पहाड़ों की तराई में स्थित सोनापानी शिव मंदिर जो गांव वालों की माने तो द्वापर युग के पांडव काल से ही पांडाव यहां पूजा किए हैं। पास के गांव वालों की माने तो बताया गया की एक अंग्रेज अफसर शिव लिंग को उठा कर पोखरिया जहां अंग्रेज अफसर रहते थे ले गया, परंतु रात होते ही वो शिव लिंग दोवारा उसी जगह स्थापित हो गया था। यहां शिव लिंग कितना दिन पहले उठा है किसी को नहीं पता अनलोगो का कहना है की हमलोग से पहले पांच पीढ़ी के लोग भी यही बात बोलते आ रहे हैं। यह मंदिर पहाड़ों की तराई में स्थित है यहां लगभग 10 किलोमीटर दूर से लोग पूजा करने आते हैं। यहां यह भी मान्यता है की जो भी भक्त सच्चे दिल से बाबा को पुकारते हैं उनकी मनोकामना पूर्ण होती है इस मन्दिर के चारो तरफ पहाड़ है। मन्दिर तक जाने के लिए ठिक से रास्ता भी नहीं है। माता पार्वती की प्रतिमा जो पत्थर की है अद्भुत है और पत्थर का नंदी महाराज भी देखने में अद्भुत है। वहां आस पास जो पत्थर है वो भी देखने में अद्भुत है