दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया, रांची शाखा भवन आई सी इ आई भवन में यूनियन बजट – 2024 का चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के द्वारा लाइव प्रसारण देखा गया। यूनियन बजट 2024 के लाइव प्रसारण के बाद यूनियन बजट – 2024 पर कुछ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी है जो निम्नलिखित है:-
मिली जुली बजट – सीए श्रद्धा बगला – चेयरपर्सन – आई सी इ आई, रांची शाखा
इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया, रांची शाखा के चेयरपर्सन सीए श्रद्धा बगला ने वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही कि यह बजट विभिन्न क्षेत्रों के लिए मिली-जुली प्रतिक्रिया के साथ कई महत्वपूर्ण बदलाव पेश किए हैं। जिनका मुख्य अंश निम्नाकिंत हैं:
क) कराधान
- टैक्स स्लैब में थोड़ा बदलाव:
15,00,000 रुपये तक की आय वाले करदाताओं को मामूली राहत। इन परिवर्तनों का उद्देश्य मध्यम-आय समूहों के लिए कर का बोझ कम करना है। - मानक कटौती में वृद्धि:
50,000 रु से बढ़ाकर 75,000 रुपये किया गया। इससे वेतनभोगी कर्मचारियों को अतिरिक्त राहत मिलेगी। - पूंजीगत लाभ कर:
अल्पकालिक और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के लिए स्लैब में वृद्धि। इस बदलाव से बाजार निवेश पर कुछ दबाव पड़ने की उम्मीद है।
ख) कस्टम ड्यूटी
प्लास्टिक पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई। इस उपाय को प्लास्टिक की खपत को कम करने और पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जाता है।
ग) व्यवसाय और स्टार्टअप
- मुद्रा ऋण योजना:
ऋण सीमा रुपये 10 लाख से रु. 20 लाख से बढ़ा दी गई है। यह छोटे व्यवसाय मालिकों को अधिक ऋण प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा, जिससे सूक्ष्म और लघु उद्यमों के विकास को समर्थन मिलेगा। - एंजेल टैक्स हटाना:
इस कर के ख़त्म होने से स्टार्टअप विकास को बढ़ावा मिलने और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में अधिक निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है।
समग्र प्रभाव:
बजट को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है. जबकि व्यक्तियों के लिए कर राहत और छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप के लिए समर्थन की दिशा में सकारात्मक कदम हैं, पूंजीगत लाभ कर और अन्य क्षेत्रों में बदलाव बाजार निवेश के लिए चुनौतियां पेश कर सकते हैं।
मानक कटौती में वृद्धि और कर स्लैब में समायोजन मध्यम वर्ग के लिए फायदेमंद होगा, जबकि एंजेल टैक्स को हटाने और मुद्रा ऋण सीमा में वृद्धि से स्टार्टअप और छोटे व्यवसायों को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा। प्लास्टिक पर कस्टम ड्यूटी में वृद्धि पर्यावरणीय लक्ष्यों के अनुरूप है, लेकिन संशोधित पूंजीगत लाभ कर संरचना वित्तीय बाजारों में निवेशकों की भावना को प्रभावित कर सकती है।
कैपिटल गेन टैक्स में मामूली छूट – सीए हरेन्दर भारती, सचिव – आई सी इ आई, रांची
इंस्टिट्यूट के रांची शाखा के सचिव सीए हरेन्दर भारती ने यूनियन बजट – 2024 पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शेयर बाजार को इस बजट से खासी उम्मीदें थीं। निवेशक खासकर कैपिटल गेन टैक्स को व्यावहारिक बनाने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन बजट ने उन्हें झटका दे दिया। कैपिटल गेन टैक्स के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को 2.5% बढ़ाकर 12% कर दिया गया है। इसी तरह कुछ चुनिंदा असेट्स पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) बढ़ाकर 20% कर दिया गया है।
न्यू टैक्स रिजाइम को प्रमोट किया गया है – सीए पंकज मक्कड़, पूर्व अध्यक्ष – आई सी इ आई – रांची शाखा
पर्सनल इनकम टैक्स में न्यू अवाम ओल्ड टैक्स रिजाइम है, जिसमे ओल्ड में कोई बदलाव नई है किंतु न्यू में टैक्स स्लैब में फ़ायदा अवाम वेतन धारको के स्टैण्डर्ड डिडक्शन की छूट को 50,000 से बढ़ा कर 75,000 कर दिया गया जिससे यह साफ़ है कि सरकार सब टैक्स पेयर को न्यू रेजीम में आकर्षित करना चाहती है । STT में बढ़ोतरी एवं लौंग व शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी (10% से 12.5% व 15% se 20%) से शेयर मार्केट में कुछ गिरावट का अनुमान है। हालाँकि लोगो के शेयर में बढ़ते रुझान को देखते हुए सरकार उसमे अपने टैक्स के हिस्से को बढ़ाना चाहती है । कैपिटल इन्वेस्टमेंट पे सरकार ने ज़ायद ध्यान दिया है जो देश की उन्नति में सहायक होगा ।