रायबरेली का नसीराबाद थाना क्षेत्र इस समय अपने कारनामो को लेकर चर्चा में है। गांव में कुछ दिनों पहले आपसी रंजिश के चलते अर्जुन पासी की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है जो बहुत ही दुःखद है पर अब वहाँ से शुरुआत होती है। राजनीति की अपनी अपनी रोटी सेकने वालो की भीम आर्मी व अन्य ऐसे संगठन मामले को जातीय रूप देकर समाज मे जहर घोलने का काम शुरू करते है। खैर मामले में 7 नामजद और 5 लोग अज्ञात के खिलाफ मामला पंजीकृत होता है। 48 घन्टे के अंदर 6 लोगो को जेल भी भेज दिया जाता है, फिर कुछ अराजकतत्वों द्वारा व ऐसे प्रमुख दल जो सिर्फ जाती के नाम पर राजनीति करते है उनका काम शुरू होता है। भीमटो द्वारा रोड जाम करना, उपद्रव करना, मौजूदा विधायक के ऊपर हमला करना, शाशन-प्रशाशन व प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा सवर्ण समाज को गाली देने का काम शुरू होता है और राजनैतिक द्वेषभावना से सिर्फ विशाल सिंह को जबदस्ती जेल भिजवाना चाहते है न ही विशाल सिंह मुख्य आरोपी है ना ही विशाल सिंह का मृतक से कोई पुरानी रंजिश न कुछ मात्र इन सभी को अपने राजनैतिक लाभ से मतलब है फिर कोई निर्दोष को ही मुख्य आरोपी क्यों न बनाना पड़े इनकी संवेदना, उसूल संविधान सिर्फ अपने फ़ायदे के लिए है और अपने लोगो के लिए है मात्र अब आप सवर्ण समाज को दबाने के लिए अगर ऐसा कृत्य करते है समाज मे ज़हर घोलने का काम करते है, तो यह बहुत ही निदनीय है और बर्दाश्त करने योग्य नही है कोई व्यक्ति मजूबत है, तो इसका अर्थ ये नही की वो पेशेवर अपराधी है। किसी के ऊपर कुछ मुकदमे होने का मतलब यह नहीं हो जाता कि वो हत्यारा है ये चाहते है बिना जाँच हुए ही जेल भेज दो ऐसा होने लगा तो तुम्हारा संविधान और कानून किस काम का। पासी समाज के लोग भी हमारे भाई है कोई दुश्मन नही जातीय रूप देने वालो को अपने समाज के लोगो को बरगला कर राजनीत करना मात्र है कोई दोषी है तो उसे सजा मिले पर किसी निर्दोष को सजा नही मिलनी चाहिये विशाल सिंह निर्दोष हैं, उन्हें न्याय मिलना चाहिए।
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