पुलिस पर अक्सर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहते हैं ऐसा ही एक मामला आज फिर सामने आया है। यह विवेचना अधिकारी पर ही गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जिसको लेकर 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचकर शिकायत की है। गौरतलब है कि मामला नसीराबाद थाना क्षेत्र के ग्राम पूरे उपाध्याय मजरे बेवल की रहने वाली 70 वर्षीय महिला संपता और उनके भतीजे माता प्रसाद ने बताया कि थाना नसीराबाद में विपक्षी उषाकांत पांडे ने उनके व उनके परिवार के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी दो बार जांच के उपरांत भी विवेचना अधिकारी आशीष मलिक ने विपक्षी के प्रभाव में आकर हम दोनों को दोषी ठहराया है। सत्य घटना दिनांक 13 मार्च 2024 की है जिसमें विपक्षी दीपक पांडे व उसके साथी ने पीड़िता के आवासीय प्रांगण में घुसकर उनपर व उनके भतीजे के बच्चों पर ईंट पत्थर से जानलेवा हमला किया और जान से मारने की धमकी भी दी। तत्पश्चात दीपक पांडे के पिता उषाकांत पांडे भी पीडिता को जाति सूचक गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी देते हैं और अपने साथियों को बुलाकर दहशत का माहौल पैदा करते हैं, जिससे भयभीत होकर पीडिता ने पुलिस बुलाई जिन्होंने प्राथिमिकी दर्ज कराने की सलाह दी । अंततः बड़ी जद्दोजहद के पश्चात पीड़िता की प्राथमिकी दर्ज हो पाई जिसे छुब्द होकर विपक्षी उषाकांत पांडे ने पीडिता व उसके परिवार के कुछ सदस्यों पर झूठी प्राथमिकी दर्ज करा दी। जिसमें हम दोनों के अलावा प्रार्थिनी के बड़े भतीजे जो कि सरकारी सेवा में है। उस दिन लखनऊ में था व माता प्रसाद के नाबालिक बेटे का नाम भी लिखवाया था। दो बार विवेचना के पश्चात दोनो का नाम तो विवेचना के दौरान हटा दिया गया, परंतु विवेचना के दौरान साछ्य के रूप में प्रस्तुत ऑडियो व गवाहों के द्वारा दिए गए शपथ पत्रों व बयान को दर किनारकर हम दोनों को दोषी ठहरा दिया। जिसके लिए हम दोनों ने उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई तो मामला तीसरी बार विवेचना के लिए भेज दिया गया । इसी कारण हम लोग यहां पर गवाहों के शपथ पत्र के साथ उपस्थित हुए हैं। जहां से पीड़ित को सीओ सलोन द्वारा आश्वासन दिया गया है कि आप लोग निश्चिंत रहें। इस मामले में निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।