रायबरेली में मृतक आश्रित पर नौकरी पाने वाली महिला कर्मचारी 25 सालों से एक ही पटल पर जमी हुई है। यह कर्मचारी उत्तर प्रदेश शासन की मंशा के अनुरूप कार्य कर नियम कानून का खुले आम मखौल उड़ा रही । तबादला नीति को दरकिनार कर सेटिंग गेटिंग के सहारे एक ही पटल पर वर्षों से जमी हुई हैं।इन कर्मचारियों द्वारा लगातार फाइलों में हेर फेर कर इधर-उधर करने के लिए विभाग से जुड़े अन्य कर्मचारियों से जमकर वसूली किये जाने के भी कई बार आरोप लगे हैं। कुर्सी से चिपकी महिला कर्मचारी अधिकारियों की नाक के नीचे लगातार भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे हुए हैं। वर्षों से ही एक ही पटल पर जमे होने के चलते भ्रष्टाचार को खुलेआम अंजाम दे रही हैं। मृतक आश्रित पर नौकरी पाने वाली महिला कर्मचारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। यहां विकास भवन स्थित जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में करीब 21/05/2000 में कर्मचारी पूर्णिमा सिंह को मृतक आश्रित कोटे से नौकरी मिली थी तथा 29/05/ 2000 को अर्चना गुप्ता को मृतक आश्रित कोटे से नौकरी मिली थी लगभग 25 साल होने को है। अभी तक एक बार भी इन दोनों महिलाओं का तबादला ना होना जिम्मेदार अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है। आखिर क्या कारण है कि एक ही पटल पर लगभग 25 सालों से जमे होने का राज, त्यौहार आने पर प्रधानों व सचिवों से तथा अन्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से वसूली किए जाने की भी गंभीर आरोप है। जबकि अधिकारियों के साथ-साथ इन कर्मचारियों के भी तबादले होते हैं। लेकिन खाऊ कमाऊ नींत के चलते इन दोनों महिलाओं का अभी तक तबादला नहीं हो पाया है।