रिपोर्ट : अविनाश कुमार
हरतालिका तीज भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है। इसी एक नजारा आज बेरमो काँयलांचल के कथारा दो नंबर आई.बाई.एम कॉलोनी में देखने को मिला। जब अहले सुबह से ही सभी क्षेत्रों की सुहागिन महिलाएं एक जगह जमा होकर पुजा अर्चना की और अपने अपने पति की लंबी आयु की कामना की।
हरतालिका तीज को कई जगहों पर तीजा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं. ये व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है।

हरतालिका तीज का हिन्दु धर्म में बहुत महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और लड़कियां भी इस दिन अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि महिलाएं अगर इस दिन सच्चे मन से व्रत रखती हैं, तो उन्हें सौभाग्य का प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि माता पार्वती ने भी भगवान शंकर को पाने के लिए यह व्रत किया था।