रिपोर्ट : अविनाश कुमार
शोषित मुक्ति वाहिनी के द्वारा गांधीनगर दुर्गा मंदिर परिसर में मंगलवार को परमवीर चक्र अब्दुल हमीद 50 वां शहादत दिवस मनाया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय एकता पर आधारित लोक नृत्य, गीत, संगीत प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें एक दर्जन से अधिक क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों तथा संगठनों के छात्र-छात्राएं व युवक युवतियों ने हिस्सा लिया। मुख्य अतिथि दिल्ली से आए पूर्व आईएएस अधिकारी एवं यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री सलाहकार समिति के सदस्य रहे हर्ष मंदर, बेरमो विधायक कुमार जय मंगल सिंह, फिल्म मेकर मेघनाथ सहित अन्य तिथियां ने परमवीर अब्दुल हमीद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
पूर्व आईएएस ने कहा-आज देश अंधेरे से गुजर रहा
पूर्व आईएएस हर्ष मंदर में कहा कि शहीद कभी मरते नहीं है वह लोगों के दिलों पर हमेशा रहते हैं. उन्होंने कहा कि सभी धर्मो की मिट्टी से परमवीर अब्दुल हमीद की प्रतिमा को स्थापित करना बहुत ही सराहनीय व ऐतिहासिक कदम है. उन्होंने कहा कि आज देश अंधेरे से गुजर रहा है हमें संविधान की मूल आत्मा से मोहब्बत है जो खतरे में है। आज नफरत का जवाब मोहब्बत से कैसे दे यह एक चुनौती है हमें नफरत का जवाब मोहब्बत से हीं देना होगा। कहा कि नफरत की आंधी ने गांधी जी को शहीद कर दिया गांधी जी ने मोहब्बत के लिए अपनी जान दे दी। कहा की अब्दुल हमीद की शहादत हमें सीख देती है कि हमारा देश मजहब के दीवारों से बंधा हुआ नहीं है देश के लिए हर कोई मर मिटने को तैयार है।
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फिल्म मेकर मेघनाथ बोले नहीं छोड़े मातृभाषा
फिल्म मेकर मेघनाथ ने कहा कि परमवीर अब्दुल हमीद की शहादत के अवसर पर देशभक्ति से ओत प्रोत गीत संगीत प्रतियोगिता में मंच पर साझी विरासत व संस्कृति को बिखरने का काम किया। कहा कि हम अपनी संस्कृति को छोड़कर दूसरों की संस्कृति को अपना रहे हैं हमें अपनी मातृभाषा को नहीं छोड़ना चाहिए। संस्था के संरक्षक सुबोध सिंह पवार ने कार्यक्रम की विषय वस्तु को रखते हुए कहा कि 25 वर्ष पूर्व परमवीर की पत्नी रसूलन बीवी के साथ तेनूघाट जेल हुए अपमान को संस्था ने धोते हुए जो परंपरा शुरू की आज वह आयोजन युवा अवस्था में पहुंच गया है और यहां बेरमो में सभी धर्म को जोड़ने तथा एक साथ लेकर चलने की परंपरा को विकसित किया है।