रायबरेली में ज़मीन के एक टुकड़े के लिए सगे भतीजे ने ही अपने ताऊ को दर्दनाक मौत दी है। भतीजे ने ज़मीन की लालच में ताऊ को पहले गला घोंट कर मार डाला फिर शव को सडक पर इसलिए फ़ेंक दिया ताकि वाहनों से कुचलकर इसे दुर्घटना का स्वरुप दिया जा सके। पुलिस शायद इतनी तत्पर न होती तो छत विछत शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद मामला दाखिल दफ्तर भी कर देती। नवागंतुक सीओ प्रदीप कुमार ने गहराई से अपने स्तर पर जांच की तो मामला हत्या को दुर्घटना में तब्दील कराये जाने का सामने आया। मामला डीह थाना क्षेत्र के रामगंज बाजार के पास का है। यहां बीती ग्यारह सितंबर की रात एक 38 वर्षीय अधेड़ का सड़क पर शव मिला था। शुरू में दुर्घटना लग रहे मामले का खुलासा करते हुए एडिशनल एसपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि मृतक संतलाल की हत्या उसी के सगे भतीजे ने अपने एक साथी के साथ मिलकर की है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो निकलकर आया कि संतलाल का कोई वारिस नहीं था। वह अपनी जमीन किसी दूसरे को बेंचना चाहता था। उसका भतीजा नरेंद्र जमीन बिक जाने पर उसे न मिल पाने से नाराज़ था। उसने अपने साथी कौशल को 10 बिस्वा जमीन देने का लालच देकर हत्या करने में उससे मदद लिया था। रात में आरोपी संतलाल को धोखे से मकान के पीछे ले गए और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। मामले को दुर्घटना का रूप देने के लिए आरोपी शव को सड़क पर फेंक कर फरार हो गए। मृतक की बहन गीता की तहरीर पर पुलिस जांच में जुट गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के गले में चोट के निशान मिलने पर पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शक के आधार पर भतीजे को उठाया तो उसने गुनाह क़ुबूल कर लिया।