रिपोर्ट : अविनाश कुमार
छात्र गर्जना, झारखंड के वर्तमान सरकार के द्वारा लूट, भ्रष्टाचार की गारंटी का एक काला दस्तावेज विमोचन किया, जिसमें सैंकड़ों विद्यार्थी सम्मिलित हुए। प्रांत संयोजक विवेक पाठक ने कहा कि वर्तमान के हेमंत सरकार के द्वारा झारखंड एक खनिज संपदा से समृद्ध राज्य है, जहां कोयला, लोहा, चूना पत्थर, बॉक्साइट और अन्य खनिजों की प्रचुरता है। हालांकि, यह खनिज संपदा भ्रष्टाचार और अवैध खनन का केंद्र भी बन गई है। भ्रष्टाचार और अवैध खनन ने राज्य की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है और पर्यावरण को भी भारी क्षति हुई है।
झारखंड सरकार पर अक्सर आरोप लगाए जाते हैं कि वह खनिजों की चोरी और अवैध खनन पर प्रभावी अंकुश लगाने में असफल रही है। कई बार यह भी आरोप लगता है कि कुछ सरकारी अधिकारी और नेताओं की मिलीभगत से अवैध खनन और खनिजों की तस्करी को बढ़ावा मिल रहा है। यह न केवल राज्य के राजस्व को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी प्रभावित करता है, जो पर्यावरणीय विनाश, रोजगार के अवसरों की कमी और विस्थापन जैसी समस्याओं का सामना करते हैं।
सरकार पर यह आरोप भी लगते हैं कि वह इन गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करने के बजाय, अपनी भूमिका में निष्क्रिय या सहयोगी बनी हुई है। यदि सरकार खनिज चोरी और अवैध खनन पर कड़ा नियंत्रण नहीं लगाती है, तो इससे न केवल राज्य की खनिज संपदा खत्म हो जाएगी, बल्कि जनता का सरकार पर से विश्वास भी उठ जाएगा। इस समस्या का समाधान पारदर्शिता, कड़े नियमों और ईमानदार प्रशासन के माध्यम से हो सकता है। यदि सरकार अपनी नीतियों को सही तरीके से लागू करे और अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए, तो यह खनिज संपदा के संरक्षण और भ्रष्टाचार के उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस मुद्दे पर संवाद बढ़ाना और छात्र हितों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग करना ही समाधान की दिशा में पहला कदम हो सकता है।