जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी बेरमो कोयलांचल के फुसरो में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बिनोद बिहारी महतो करगली फुटबाल ग्राउंड में आल मुस्लिम बेरमो-फुसरो कमेटी की ओर से जलसा की महफ़िल सजायी गई। यहां कारी सादिक हुसैन, हाफिज एहसानुल होदा, हाफिज मो. अजमत, मौलाना जमाल, मौलाना मुबारक आदि ने तकरीर पेश किया। कारी सादिक ने कहा कि अल्लह के दिखाए हुए रास्ते पर चलने से अल्लाह को राजी किया जा सकता है। कहा कि हर बुरे काम से तौबा करें और अपने नबी के बताए हुए रास्ते पर चलकर अपने कौम और अपने मुल्क की तरक्की के लिए दुआ करें। कहा कि यह दिन मुसलमानों के लिए काफी अहम है। पैगंबर-ए-इस्लाम ने दुनिया को शांति व भाईचारे का पैगाम दिया। उलेमाओं ने कहा कि बच्चें अपने वालिदेन की नाफमानी कर रहें है। मां के कदमों तले जन्नत है, पिता जन्नत की कुंजी हैं। इसलिए मां-बाप की खिदमत में कभी कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए। कहा कि हजरत ने फरमाया है कि अगर अल्लाह तआला के अलावा अन्य किसी को सज्दा करने की इजाजत होती तो सबसे पहले मां-बाप को सज्दा करने का हुक्म देता।

यहां अल्लाह की शान में एक से बढ़कर एक नात-ए-कलाम पेश किया गया। इससे पूर्व फुसरो स्थित राजा बेडा, भेड़मुक्का बस्ती, पटेलनगर, रहिमगंज, पुराना बीडीओ आफिस, मकोली, घुटियाटांड, सुभाषनगर आदि जगहों से जुलूस निकाला गया। जुलूस में बड़े-बुजुर्गों युवा-बच्चे हांथों में इस्लामिक झंडे लिए शामिल हुए। मौके पर कारी जावेद गौहर, हाफिज मो. असलम हाफिज मो. इरशाद, मौलाना गुलाम, मौलाना हाशिम सहित आयोजक मुस्लिम कमेटी के सदस्य मौजूद थे।