यूपी के जनपद शामली में गन्ना समिति का अजीबो गरीब कारनामा सामने आया है। यहां समिति के अधिकारियो ने एक ही गांव के 54 किसानो को मृत घोषित कर दिया। पूरे मामले की पोल पट्टी तब खुली जब मृत घोषित किए गए किसान गन्ना सोसाइटी में आ धमके और बोले साहब हम जिंदा है। जब किसानो को मृत दर्शाने की बात भारतीय किसान यूनियन को पता चली तो भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी भी समिति पहुंचे और जमकर हंगामा किया। जहा हंगामे के दौरान गन्ना समिति के कर्मचारियों सहित डीसीओ का घेराव किया। दरअसल पूरा मामला गन्ना समिति शामली का है। जहा उस समय बखेड़ा खड़ा हो गया, जब समिति द्वारा जिला मुजफ्फरनगर के गांव बुडिना कला के मृत दर्शाए गए करीब 54 किसान समिति आ पहुंचे। जहा पर उन्होंने बताया कि उनके गांव का गन्ने से संबधित सभी प्रकार का लेखा जोखा शामली की गन्ना समिति में किया जाता है। किसानो का कहना है कि समिति द्वारा उन्हें कागजों में मृत दर्शा दिया गया है, जबकि वह साक्षात सबके सामने खड़े है। किसानो ने बताया कि आने वाले कुछ दिनो में गन्ना समिति के चेयरमैन पद, डायरेक्टर पद व डेलीगेट पद के लिए चुनाव होने है। जिसको लेकर राजनीति के चलते समिति के कर्मचारियों द्वारा बिना किसी सत्यापन के उन्हे मृत घोषित कर दिया। इस बात का पता उन्हे गांव के ही अन्य किसानो से पता चला। समिति का कारनामा किसानो को मृत घोषित करने तक ही नहीं रुका बल्कि फर्जी गवाह भी समिति के द्वारा तैयार किए गए। जिनके द्वारा बकायदा किसानो को मृत घोषित करने के लिए हस्ताक्षर भी किए गए है। किसानो को मृत घोषित किए जाने की बात जब भाकियू को पता चली तो भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी भी गन्ना समिति आ पहुंचे और उन्होंने किसानो के साथ मिलकर जमकर हंगामा किया। जहा उन्होंने डीसीओ सहित अन्य कर्मचारियों को अपने बीच बैठा लिया और समिति द्वारा किए गए कारनामे के संबंध में जवाब तलब किया। लेकिन डीसीओ और समिति के अन्य अधिकारी इस मामले पर चुप्पी साधे रहे। इस पूरे मामले में जिला गन्ना अधिकारी शामली रंजीत सिंह कुशवाहा का कहना है कि अभी कुछ किसान आए थे ये शिकायत प्राप्त हुई थी। तभी तत्काल संबधित गन्ना पर्यवेक्षक से लेकर के सभी लोगो को पढ़कर सुना दी गई है, जो भी त्रुटियां है। तत्काल उन त्रुटियों को दूर करने के लिए उस गन्ना पर्यवेक्षक के साथ दूसरा गन्ना पर्यवेक्षक भेज दिया गया है, जो शाम तक सही होकर आ जाएगी।