महालया में माँ दुर्गा आती हैं और महालया के दिन ही लौट जाती हैं। आसनसोल बार्नपुर में एक अनोखी एक-दिन की दुर्गा पूजा होती है। आसनसोल हीरापुर के धेनुआ गांव में देवी पक्ष के प्रारंभ में अगमनी दुर्गा पूजा शुरू हो जाती है। धेनुआ गांव, जो दामोदर नदी के किनारे स्थित है, वहां पर एक कालीकृष्ण आश्रम है। आपको बता दे कि यहां शनिवार को सुबह से ही दुर्गा पूजा की शुरुआत होती है। इससे पहले,उसी मंदिर में रात को अमावस्या के दिन काली पूजा होती है। उसके बाद अगमनी दुर्गा का आह्वान किया जाता है। इस एक-दिन की पूजा में सप्तमी,अष्टमी, नवमी और दशमी के सभी अनुष्ठान एक ही दिन में होते हैं। इस अनोखी पूजा को देखने के लिए धेनुआ गांव में दूर-दूर से लोग आते हैं। पुजारी के अनुसार,विभिन्न रीतियों के आधार पर पूजा की जाती है। एक ही दिन में चार प्रकार के भोग चढ़ाए जाते हैं। दशमी की पूजा के बाद घट विसर्जन कर दिया जाता है, लेकिन माँ की प्रतिमा को वहीं रखा जाता है।
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