300 वर्ष पूर्व शुरू हुई थी मानजोरी में मां दुर्गा पूजा का आयोजन
रिपोर्ट : दीपक कुमार पाठक
तीन सौ वर्षों से लगातार आस्था का केंद्र बना हुआ है बेंगाबाद प्रखंड क्षेत्र के मानजोरी में दुर्गा पूजा लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। 300 वर्ष पूर्व मानजोरी के एक छोटे से स्थान में मां दुर्गा की स्थापना कर हो रही पूजा वर्तमान में बेंगाबाद, गांडेय समेत कई क्षेत्रों में विख्यात है। टिकैत दौलत सिंह ने मंदिर की स्थापना की थी। यहां के टिकैत ने अपने क्षेत्र में सुख शांति,समृद्धि और की वंश कामना को लेकर पूजा शुरू की थी। उनके वंशज तेजलाल सिंह, धपरू सिंह और हूरो सिंह ने बताया कि पूजा हमारे पूर्वजों ने शुरू की थी और यह मानजोरी का दुर्गा मंडप। अनवत चलता आ रहा है। इसमें हमलोगों ने कमिटी का भी गठान किया है और आज तक निभा रहे हैं। वर्तमान में पूजा कमेटी के लोग यहां की दुर्गा पूजा को अपने स्तर से चला रही है और इसमें सबों का सहयोग भी रहता है। वहीं बताया गया की मानजोरी के दुर्गा पूजा में नवमी में भव्य मेला लगता है और लोग दूर दूर से मेला का आनंद लेने आते हैं।

मान्यता है
इस मंदिर की खास अहमियत है की जो भी श्रद्धालू सच्चे मन अपनी मन्नत मांगते हैं, तो उनकी मांगी गयी हर मुराद मां दुर्गा पूरी करती है। पूजा के नवमी के दिन मानजोरी स्थित दुर्गा मंडप के प्रांगण में कई प्रकार के ढोल नगाड़े को आवाज गूंजती है और लोग मां दुर्गा के ध्यान में रहते हैं। मेले में गांडेय और बेंगाबाद प्रखंड के दो दर्जन से अधिक गांव के हजारों लोग मेले का आनंद लेने आते हैं। वहीं दुर्गा की प्रतिमा को अंतिम रूप देने का कार्य कारीगरों द्वारा किया जा रहा है।
जानकरो के अनुसार मानजोरी दुर्गा मंडप एक मात्र मंदिर था। बाद में यहीं से सभी जगह पर इनका मंदिर ले जाया गया था। इतना ही नहीं गांडेय में भी मानजोरी के बाद सभी जगह पर दुर्गा मां की प्रतिष्ठा हुई है और पूजा की जा रही है। बेंगाबाद, गांडेय, मानजोरी, चक्रदाहा, बहादुरपुर, चमगडा, बरियारपुर, महेशमुंडा, बेदाडीह, परतापुर रघयडीह, बंधाबाद, पतरोडीह, केन्दुवाटांड, दुन्दो, सोबराजपुर,विराजपुर, विराजपुर, डाकबंगला, चपुआडीह, नावाडी समेत दर्जनों गांव के लोग मानजोरी स्थित दुर्गा मंडप में पूजा करने व मेले का आनंद लेने आते हैं।