रिपोर्ट : अविनाश कुमार
कथारा क्षेत्र के तमाम क्षेत्र का माहौल छटमय हो गया है। चारों ओर भक्ति व आस्था की बयार बह रही है। घर से लेकर घाट और बाजारों तक में छठ महापर्व की रौनक दिख रही है। चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन बुधवार को वर्तिया सुबह से उपवास रहते हुए संध्या पहर स्नान-ध्यान के बाद भगवान भास्कर को नमन कर आम की लकड़ी जला कर अरवा चावल, गुड़ और गाय के दूध से खरना का प्रसाद बनायी। व्रतियां यथासंभव नदी घाट पर जा कर स्नान ध्यान की। पूजा के बाद पहले व्रतियों ने इस प्रसाद को ग्रहण किया। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ हो गया। इसके बाद परिवार के सदस्यों के अलावा श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। महापर्व के तीसरे दिन बृहस्तिवार को अस्तचलागामी तथा चौथे दिन शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा। इसी के साथ चार दिवसीय लोक आस्था का पर्व का समापन होता है। छठ महापर्व को लेकर कथारा सहित बेरमो के तमाम बाजार गुलजार रहा। छठ में उपयोग होने वाले समान और प्रसाद की काफी बिक्री हुई। वही समाजसेवियों तथा क्लबों के द्वारा प्रसाद वितरण के लिए व्यवस्था की गई है। कथारा बाजार में विभिन्न सामानों के मूल्य सामान्यतः रहा।