रिपोर्ट : सर्वोदय मौर्या
डलमऊ : तहसील क्षेत्र में एक दो स्थान को छोड़कर जब साहब को ही न पता हो कहा कहा चल रही भट्ठियां और कितनी भट्ठियों का लाइसेंस है। कितनो ने ले रखा हैं तो साहब कैसे कर पाए इन पर कार्यवाही । स्थानीय वन विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ से डलमऊ क्षेत्र के गंगा किनारे भट्टियां धुंआ उगल रही हैं। इससे इलाके के लोगों को परेशानी हो रही है। इन भट्ठियों की भेंट अरावली पर्वत के वन चढ़ रहे हैं। लेकिन डलमऊ प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी मौन है। डलमऊ प्रशासन ने बिना लाइसेंस चल रही इन भट्ठियों को बंद कराने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। ऐसी अधिकतर भट्ठिया डलमऊ क्षेत्र में धधक रही है। सूत्रों के अनुसार वन विभाग के कर्मचारियों की भी मिलीभगत है। इसी वजह से अधिकारी इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। बता दें कि डलमऊ थाना क्षेत्र के चांदपुर लूक, कल्यानपुरबेती, पूरे गुलाबराय, महुआहार में अवैध कोयले की भट्टियां चल रही हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कोयले की भट्टियां चलाने पर रोक है। तहसील क्षेत्र में चल रही सैकड़ों कोयले की भट्ठिया स्थानीय वन विभाग की अधिकारियों की मिलीभगत से खुलेआम धुआं उगल रही हैं। यह खुलेआम सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना हैI वही प्रतिदिन क्षेत्र में लकड़ी के कटान से सैकड़ो पेड़ भी धराशाई किये जा रहे है। जिसमे डलमऊ वन विभाग सब कुछ जानकर भी बैठा हुआ है। भट्ठियो का कोई मानक नही है सब मानक के विपरीत चल रहे है। जिसमे वन विभाग मेहरबान है इस तरह से इन भट्ठियों पर अगर डलमऊ वन रेंजर ने लगाम नही लगाया तो प्रदुषण पर बहुत बुरा असर पेड़गा। जिससे लोगो को भी खतरा हो सकता है। वही सूत्रों की माने तो इन भट्ठियों को चलवाने का डलमऊ में कुछ कथिक लोग ठेका लेते है। उन लोगो को भठ्ठी संचालक के द्वारा महीनो का मोटी रकम दी जाती है। वहीं डलमऊ वन रेंजर साहब को भी जानकारी होगी जरुर इन भट्ठियों के बारे में लेकिन वो कार्यवाही करे भी तो कैसे शायद इन साहब को तो मोटी रकम दी जाती होगी तभी कार्यवाही करने से कतरा रहे है।
वहीं इस संबंध में वन रेंजर डलमऊ हरिओम ने बताया हैं शायद है कुछ जिनके पास लाइशेंस है वो लोग चला रहे है। अगर एक दो भट्ठी का लिए हुए है लाइसेंस उसकी आड़ में कई सारी भट्टियां चल रही तो जिले से पता करके उन भट्ठियों पर जल्द से जल्द कार्यवाही की जाएगी।