रिपोर्ट : नासिफ खान
म.प्र.इंदौर के नेहरू स्टेडियम में पांच हज़ार महिलाओं ने तलवार बाज़ी का प्रदर्शन किया। विश्व रिकॉर्ड बनाने का दावा भी किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी शिरकत की। इस कार्यक्रम से जुड़े कुछ सवाल हैं।
जो मैं शासन/प्रशासन और पुलिस से करना चाहता हूं…
पहला : इन महिलाओं के पास एक जैसी 5000 तलवारें कहां से आईं ?
दुसरा : इतनी बड़ी तादाद में तलवारें कहां से बनवाई गईं ? किससे बनवाई गईं ? किसने बनवाईं ?
तिसरा : इतनी बड़ी तादाद में तलवारें बनवाने या मंगवाने की जानकारी पुलिस प्रशासन को थी या नहीं ?
चौथा : इतनी बड़ी तादाद में तलवारें बनाने का खर्च किसने वहन किया और क्यूं
पांचवा : कार्यक्रम के बाद यह सब तलवारें कहां गईं ? अगर प्रदर्शनकारी महिलाएं इन्हें अपने साथ ले गईं तो क्या यह घर में तलवार या हथियार रखने के नियमानुसार है ?
छठा और सबसे आखरी और महत्वपूर्ण सवाल कि अगर किसी और धर्म से जुड़े लोग या संस्था इसी तरह का सामूहिक हथियार चलाने या रखने या प्रदर्शन करने जैसा आयोजन करते हैं तो शासन/प्रशासन या पुलिस इस बात की अनुमति देंगी।
सांतवा या फिर इस तरह का सार्वजनिक कार्यक्रम किसी और दिशा का संकेत दे रहा है।
मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुआ आयोजन कौन कौन नेता मंचासीन होता है या फिर सिर्फ सीएम का ‘ वन मेन शो’ रहा
तलवार की धार पर ‘ सरकार
अकस्मात व एकाएक हुए इस आयोजन को लेकर भाजपा में ही जिज्ञासा तेज़ हैं। हालांकि सरकारी तंत्र भी कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटा हुआ हैं लेकिन पार्टी की कही कोई सीधी सहभागिता अब तक नही दिखी हैं। दीनदयाल भवन भी अनभिज्ञ हैं। उसके पास भी इतनी जी जानकारी हैं, जितनी शहर के पास हैं। नतीजे में ‘सरकार’ और ‘ तलवार’ की ये हुनरबन्दी सत्तारूढ़ दल के ‘ क्षत्रपों’ के बीच गहन जिज्ञासा स्थापित कर रही हैं।