रिपोर्ट : अविनाश कुमार
सिक्खों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव की 555वाँ जयंती पर करगली बाजार स्थित गुरुद्वारा में प्रकाश प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया गया। यहां ग्रंथी करगली बाजार के बाबा त्रिसेन सिंह, कथारा के महेंद्र सिंह, गोमिया के लाल सिंह तथा जवाहर नगर के सरदुल सिंह के साथ श्रद्धालुओं ने शबद पाठ, कीर्तन, भजन के माध्यम से गुरु नानक देव की महिमा का बखान किया। इस दौरान यहां श्रद्धा व आस्था का संगम दिखा। कई जनप्रतिनिधि व श्रद्धालुओं ने दरबार मे पहुंचकर मत्था टेका। गुरूद्वारा के आसपास गूंज रही गुरूवाणी को सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो रहे थे। भजन कीर्तन समाप्ति के पश्चात गुरूद्वारा में लोगों के बीच प्रसाद आदि वितरण किया गया। करगली बाजार गुरुद्वारा कमिटी के अध्यक्ष समिति लाल सिंह ने कहा कि गुरु नानक देव समतामूलक समाज के हितैषी थे। गुरु ने ऊंच-नीच, जाति-पाति व भेदभाव का विरोध किया। लोगों को आपसी प्रेम व भाईचारे का संदेश दिया। उनके बताये मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। उनके आदर्श को जीवन में आत्मसात करना चाहिए। कहा कि सेवा ही सिख धर्म का मूल आधार है। गुरु नानक देव जी महाराज सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु थे। उनका जन्म 15 अप्रैल 1469 में गांव तलवंडी में हुआ था। कार्तिक पूर्णिमा को गुरुनानक देव जी का जन्म होने के कारण ही सिख धर्म को मानने वाले इस दिन को प्रकाश उत्सव या गुरु पर्व के रूप में मनाते हैं। कहा सेवा से बड़ा और कोई दूसरा धर्म नहीं होता। यही सिख धर्म का मूल आधार है।

मौके पर देवेंद्र सिंह, जोगा सिंह, लैना सिंह, लवप्रीत सिंह, हरप्रीत सिंह, बबली सिंह, जगतार सिंह, गुरुपाल सिंह, शमशेर सिंह, सिमरन कौर, चरणजीत कौर, परसेन कौर, गुरमीत कौर, सबरजीत कौर, जगतार सिंह, गुरमीत सिंह, निशांत सिंह, शरण सिंह राणा, धनबाद लोकसभा के एनडीए प्रत्याशी सह बेरमो विधायक कुमार जयमंगल सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह, भाजपा जिला मंत्री विक्रम पांडेय सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।