रायबरेली के विकास भवन परिसर में उस समय धरना प्रदर्शन होने लगा जब अधिकारी अपने दफ्तरों मे प्रवेश कर रहे थे।यहां भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिन वादी भाकपा माले के दर्जनों पदाधिकारी ने उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में हुई हिंसा में मारे गए लोगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया है और यूपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आपको बता दे कि आज दिनांक 30 नवंबर 2024 दिन शनिवार को समय करीब 1:00 बजे रायबरेली जनपद के विकास भवन परिसर में भाकपा माले के दर्जनों पदाधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में हुई हिंसा को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन भी सौपा गया। धरना प्रदर्शन कर रहे पार्टी के सदस्य विजय विद्रोही ने बताया कि यूपी के संभल में हुई हिंसा भारत के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताने-बाने को नष्ट करने का एक प्रयास है। ज्ञानव्यापी और अन्य स्थलों पर देखे गए पैटर्न के बाद संभल में यह दावा करके विश्वास पैदा किया गया की 16वीं शताब्दी की जामा मस्जिद पहले एक मंदिर थी। जिसको लेकर किए गए सर्वेक्षण में न्याय संहिता का उल्लंघन किया गया और कहा संभल में मनमाने और भड़काऊ सर्वेक्षण के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर योगी शासन की क्रूर कार्रवाई के दौरान पुलिस ने पांच मुस्लिम युवकों को गोली मारकर हत्या कर दी। पूरी घटना सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने और प्रदेश भर में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को डराने धमकाने के लिए हालिया, यूपी चुनाव जीत से उत्साहित संघ भाजपा की एक संयोजित साजिश की ओर इशारा करती है। आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा पुलिस गाजोर द्वारा हिंसक कार्रवाइयों की एक श्रृंखला देखी गई है। प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि संभल हिंसा की जिम्मेदार लोगो को योगी आदित्यनाथ सरकार को दंडित करें। न्याय मिले पांच निर्दोष मुस्लिम युवाओं की मौत की जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो ऐसी ही साथ मांगों को लेकर यह धरना प्रदर्शन किया गया और डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है।