रायबरेली : रविवार की शाम एक हैरान करने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें कानपुर से रायबरेली की ओर जा रही रोडवेज बस संख्या यूपी 78 JT 7545 से लालगंज नगर पंचायत के सामने कुछ लोग खुलेआम सामान उतारते दिखाई दे रहे थे। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बस से उतारे गए सामान में पेटियों में पनीर और बोरियों में खोया था। यह घटना तब सामने आई जब स्थानीय लोगों ने इस संदिग्ध सामान को बस से उतारते देखा और तुरंत ही इसका वीडियो बना लिया। यह पहला मौका नहीं है, जब कानपुर से आने वाली बसों के माध्यम से नकली खाद्य पदार्थों का यह कारोबार सामने आया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह सामान प्रतिदिन कानपुर से बसों के जरिए लालगंज आता है और इसके माध्यम से नकली खोया और पनीर बड़े पैमाने पर बाजारों में बेचे जाते हैं। स्थानीय मिठाई की दुकानों और व्यापारियों द्वारा इन पदार्थों का खुलेआम उपयोग किया जाता है, जिससे आम नागरिकों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है। व्यापारियों और खाद्य विभाग के बीच सांठ-गांठ की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि खाद्य विभाग की तरफ से इस नकली व्यापार पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।
रक्षा बंधन के त्योहार पर भी लालगंज में इसी तरह की एक और घटना हुई थी, जब एसजेएस स्कूल के पास एक बस से उतारे गए नकली खोये को खाद्य विभाग ने बिना जांच के ही नष्ट कर दिया था। सवाल यह उठता है कि अगर यह खोया नकली नहीं था, तो उसे बिना जांच के क्यों नष्ट किया गया? अगर यह सच में नकली था, तो उसे किसकी मिलीभगत से खुलेआम बेचा जा रहा था?
यहां पर खाद्य विभाग की उदासीनता और मिलीभगत का मामला और भी गंभीर हो जाता है, क्योंकि शासन द्वारा नकली खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए सख्त आदेश दिए गए थे, लेकिन इसके बावजूद नकली खोया और पनीर का यह कारोबार बेरोकटोक जारी है। लोगों का आरोप है कि खाद्य विभाग इन व्यापारियों से मोटी रकम वसूल करता है, जिसके चलते यह कारोबार अब भी चल रहा है। यहां तक कि कई बार खाद्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ व्यापारियों से रकम वसूलने के ऑडियो और वीडियो भी वायरल हो चुके हैं, जो इस मामले की गंभीरता को और बढ़ा रहे हैं।
लालगंज एक बड़ी व्यापारिक मंडी होने के चलते यहां बड़े स्तर पर नकली खोया और पनीर का कारोबार चल रहा है। खाद्य विभाग की मिलीभगत के चलते यह धंधा निरंतर बढ़ रहा है, जिससे आम नागरिकों की सेहत को गंभीर खतरा हो रहा है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि खाद्य विभाग इस बड़े कारोबार के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है या फिर यह खेल यूं ही चलता रहेगा।