रिपोर्ट : खुशबू श्रीवास्तव
इंदौर : साइबर ठगी और डिजिटल अरेस्ट के तो कई मामले इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। मगर अब एक नए तरीके से लोगों को बनाया जा रहा है धोखाधड़ी का शिकार। एक ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का है। जहाँ नकली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर मोहितांनद ज्योतिष महाराज से ठग लिए लाखों रुपए। महाराज ने बताया की लाखों रुपए आश्रम बनाने के लिए मिले थे, जिसे नकली क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर ठग लिए गए। ठगी का यह मामला मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का है। जहां रहने वाले मोहितांनद ज्योतिष महाराज से हरियाणा में रहने वाले संदीप ने लाखों रुपए ले लिए, जिसमें उसने पुलिस कार्यालय में जाकर इस पूरी घटना को अंजाम दिया। बताया जाता है कि इंदौर निवासी मोहितांनद महाराज कुछ दिनों पूर्व रणजीत हनुमान मंदिर दर्शन करने पहुंचे थे। जहां संदीप ने उन्हें पुलिस की मदद से खजराना एसीपी कार्यालय ले जाकर इस पूरी वारदात को अंजाम दिया। वहीं पुलिस भी इस पूरे मामले को भांप ना सकी मोहितांनद महाराज को कुछ दिनों पूर्व दिल्ली की एक कंपनी ने ओंकारेश्वर में आश्रम बनाने के लिए 20 लाख रुपए का दान दिया था, जिसकी पूरी जानकारी हरियाणा के रहने वाले संदीप को थी। इसके बाद ही उसने अपना पूरा खेल शुरू कर दिया और महाराज से पहले फोन पर चर्चा की और उसके बाद इंदौर पहुंचकर पुलिस की मदद लेकर महाराज को पुलिस का डर दिखाकर पुलिस अरेस्ट करवा दिया।
पुलिस की मदद से संदीप ने महाराज को विभिन्न धारा और कानूनी प्रक्रिया का डर दिखाते हुए पूरी घटना को अंजाम दिया। लाखों रुपए का आरटीजीएस,एक कार और एक ब्लैंक चेक ले लिया। इस पूरी घटना से आहत हुए मोहितांनद महाराज ने इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर, डीसीपी कार्यालय व इंदौर कलेक्टर जनसुनवाई में की, मगर जिसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर महाराज ने न्याय प्रणाली का सहारा लेना सहीं समझा और इस पूरे मामले को लेकर उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली। इस पूरे मामले को लेकर महाराज ने बताया कि इस पूरी घटना में संदीप द्वारा नकली सीआईडी अफसर बनकर मेरे परिचित व्यक्ति को फोन लगाकर मेरी छवि धूमिल की गई।