रायबरेली में एसपी की कुसल व स्वच्छ कार्यशैली को बेलगाम चौकी इंचार्ज व चौकी के सिपाही बट्टा लगा रहे हैं। एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार महिला अपराधों की रोकथाम के लिए जहां शख्ती से पेश आ रही है। वहीं इस चौकी के इंचार्ज व सिपाही महिला अपराधों में शिथिल और लापरवाह बने हुए हैं। महिला अपराधों के प्रति लापरवाह दिखने की खबर चलने से बौखलाए चौकी इंचार्ज समय सिंह ने पीड़ित महिला के परिजनों से चौकी पर बुलाकर अभद्रता की है। और धमकाया है। जानकारी अनुसार बता दें की भदोखर थानाक्षेत्र के नरौका गांव में, थाना क्षेत्र के ही पूरे दूली गांव की रहने वाली राम लखन की पुत्री ललिता का ब्याह गरीब 9 पहले राम शंकर निवासी नरौका से हुआ था।जिसके पास से लगातार पैसे और दहेह कि डिमांड करता रहता था। क्योंकि कुछ काम नही करता नहीं था। जब भी ससुराल आता कुछ ना कुछ पैसे की मांग करता ही रहता था। लड़की के परिजन पैसे किसी न किसी तरीके से मैनेज करके उसको पैसे देते थे। की रिश्ता बना रहे,करीब एक सप्ताह पहले ललिता अपने ससुराल में थी, तभी उसका पति राम शंकर अपनी पत्नी से मारपीट करते हुए सभी आभूषण मांगने लगा, जिसका विरोध किया तो राम शंकर और उसके भाई ने ललिता को घर में बंधक बनाकर, इस कदर घर स पीटा की वह कई दिनों तक उठ नहीं पाई,जिसको हॉस्पिटल में भी भर्ती कराया गया था और पीड़िता चोट के निशान लिए लिए भदोखर थाने पहुंची और मामले की शिकायत की मारपीट के तीन दिन बाद थाने से सुनवाई ना होने पर पीड़ित महिला ने परिजनों के साथ रायबरेली पहुंची महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव से भी मामले की शिकायत की इसके बाद पुलिस ने एनसीआर तो दर्ज कर लिया, लेकिन मारपीट के आरोपियों को गिरफ्तार करने से कतराती रही, यह वही पुलिस है। जो मामूली से शिकायत पर लोगों के घरों में घुसकर तांडव करती है। लगातार खबरें चलने के बाद किसी तरीके से दोनों पक्षों की मारपीट दिखाते हुए पुलिस ने आरोपी पति को,थाने लाकर 151 में चालान कर दिया। इसके बाद लड़की के परिजनों को शनिवार को चौकी इंचार्ज समय सिंह ने गवाही के लिए बुलाया, पहुंचे परिजनों से खबर चलने से नाराज दिखे और बौखलाहट भरे शब्दों में, परिजन से अभद्रता की। अभद्रता के दौरान चौकी के सिपाहियों ने भी बेलगाम दरोगा का ही पक्ष लिया और अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया। जिससे परिजन काफी आहत है। पुलिस मित्र कहलाने का ढिंढोरा पीटने वाली पुलिस बेनकाब होने पर किस तरह से दुर्व्यवहार करती है। जिसका जीता जागता सबूत यह रिपोर्ट तय कर रही है। फिलहाल परिजनों ने कहा है कि मामले की शिकायत एसपी से जरूर की जाएगी। ऐसे अभद्र और लापरवाह पुलिसकर्मी ही पुलिस अधिकारियों की किरकिरी कर रहे हैं। उप निरीक्षक समय सिंह ने कहा कि मुझे कोई थाना नहीं चलाना है ना ही मुझे कोई किसी कार्य के लिए आदेशित कर सकता है। थाना प्रभारी को अपने शब्दों के लपेटे में लिया और धमकी पर धमकी देते रहें।ईचार्ज की इस भाषाओं से स्पष्ट होता है,कि महिला अपराधों में कितनी शिथिलता बरतते हैं।