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ढोंगाबेड़ा गांव के मजदूर को तमिलनाडु में बनाया गया बंधक, फिरौती में लिए लगभग दो लाख

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ताज़ा मामला टुंडी प्रखंड अंतर्गत मनियाडीह थाना की है। जहां शुक्रवार को टुंडी प्रखण्ड तथा मनियाडीह थाना के जाताखुंटी पंचायत अंतर्गत चरककला के ढोंगाबेड़ा गांव के कुल 13 मजदूर को तामिलनाडु में बंधक बनाकर तथा जल का छिड़काव कर मारपीट किया गया तथा उनके परिजनों से कुल दो लाख पचास हजार ( 2,50,000) फ़ोन के माध्यम से लिया तत्पश्चात किया मुक्त ।

पीड़ितों ने अपनी-अपनी व्यथा को बारी-बारी से हमारे क्षेत्रीय रिपोर्टर को बताया

बताते चलें की बालेश्वर भोक्ता पिता जेठु भोक्ता, वार्ड सदस्य 08 मजदूरी के क्रम में तामिलनाडु में अपराधी से मजदूर के रूप में हुआ परिचय हुआ था। उसके बाद उन्होंने दुबारा मिलने को लेकर एक कार्ड दिया जिसमें फोन नम्बर लिखा था। बातचीत के क्रम में उस व्यक्ति ने बालेश्वर भोक्ता को बताया की मुझे कुछ मजदूरों की आवश्यकता हैं, कुछ दिनों के उपरान्त बालेश्वर भोक्ता ने दिनांक 20 दिसम्बर को धनबाद से ट्रेन पकड़कर अपने ही गांव के और 12 साथियों को लेकर तामिलनाडु के सेलेम नामक रेलवे स्टेशन पहूंचा, फिर उस कार्ड में दिये गये फ़ोन के माध्यम से उनसे सम्पर्क किया। वह चारपहिया वाहन बोलेरो लेकर आया और कुछ दूर चलने पर कहा आप लोग बोतल वाला जल ले लें। उसके बाद 13 मजदूरों को लेकर लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पहुंचा, जहां पर चारों ओर जंगल ही जंगल उस घने जंगल की बीचों-बीच एक मकान में उन लोगों को लेकर गया उसके बाद देखते ही देखते 25-30 की संख्या में और लोग एकत्रित होने लगें, एक तरह से कहा जाय तो इन लोगों को चारों ओर से घेर लिया और कहा की सभी कोई अपने-अपने समान आधार कार्ड वगैरह एक स्थान पर रखो, फिर कमीज़ कोर्ट खुलवाया, अर्धनग्न करने के उपरान्त अचानक से लाठी, रड, हथौड़ी, लात-घूंसे ताबड़तोड़ और इन्हीं लोगों का जल छिड़क छिड़ककर तथा जल पिला पिला कर मारना आरम्भ कर दिया ।

मारते हुए कह रहा था की अपने-अपने परिजनों को फोन करके बोलों 20-25 हजार रूपए फ़ोन के माध्यम से भेजे । फिर क्या मरता क्या नहीं करता। सभी फोन में व्यस्त हों गये। 5 घंटे के अंदर इन सबों के परिजनों ने जहां तहां से कर्ज लेकर किसी ने 5000, तो किसी ने 10,000 हजार तों किसी ने 25,000 इसी तरह कुल लगभग 2,50,000 रूपए परिजनों से भिजवाया। तब जाकर इन लोगों को मुक्त किया।

हालांकि 13 मजदूर में अभी तक 8 ही अपने-अपने आवास पहूंचे हैं, 5 मजदूरों के पहूंचने की हो रही हैं प्रतिक्षा। धनबाद जिला के टुंडी प्रखण्ड अंचल से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, लेकिन इस गांव को सुदूर अर्थात अनाथ गांव के रूप में माना और जाना जाता रहा हैं, क्योंकि भारत को स्वतंत्र हुए 79 वर्ष बीत गये परन्तु आज तक मुखिया को छोड़कर कोई भी जनप्रतिनिधि इस गांव का दर्शन नहीं कर पाये है।

बंधक बने मजदूर का नाम :

  1. कामेश्वर भोगता, पिता स्व० गोविन्द भोक्ता
  2. संजय भोगता, पिता स्व० ननकु भोक्ता
  3. निर्जल भोगता, पिता स्व० रामगुलू भोक्ता
  4. सुभाष पुजहर,‌ बाजों भोक्ता का दामाद
  5. गिरजाधर भोगता, पिता बिमल भोक्ता
  6. बिमल पुजहर, स्व० गणेश पुजहर
  7. सुभाष भोगता, पिता बालदेव भोक्ता
  8. पंकज भोक्ता, पिता निर्जल भोक्ता जो अबतक ढोंगाबेड़ा गांव पहुंच चूंके है।

पांच मजदूरों की हो रही हैं प्रतिक्षा, वो इस प्रकार हैं :

बालेश्वर भोक्ता, सकलदेव भोक्ता, टेकलाल भोक्ता, दिनेश भोक्ता एवं जानों भोक्ता ये सभी कहीं अपने परिचित के घर रूक कर इलाज करवा रहे हैं। हालांकि क्षेत्रीय हैट्रिक विधायक सह मुख्य सचेतक मथुरा प्रसाद महतो को दुर्भाष के माध्यम से आज इसकी सूचना दे दिया गया हैं, श्री महतो ने बहुत जल्द उन सबों से मिलने का तथा यथासंभव सहयोग करने का विश्वास दिलाया है।आजसू केन्द्रीय सदस्य सह पूर्व सांसद प्रतिनिधि दिनेश कुमार राय को भी दुर्भाष के माध्यम से सूचित किया गया हैं।

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