बांदा जिले में “सोना खदान का लाल सोना सरेआम दिन दहाड़े लुट रहा है और प्रशासन इस ओर नहीं दे रहा है ध्यान। पट्टा धारक परेशान है। जनवरी से खदान शुरू होगी लेकिन इसके पहले छुटभइया दबंगों द्वारा अवैध खनन निरन्तर चालू है। पट्टा धारक निषाद बंधु गण की इन हालातों में चिंता बढ़ गई है।
आखिर यह कैसी “निगहबानी” है? “सीएम योगी के खनिज का खजाना लूटा जा रहा है और उनके प्रशासनिक चौकीदार खामोशी से नजारा देख रहे हैं। सोने की लूट उनको सुवाहनी लग रही” है जी हां, योगी सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना बालू खनन माफ़ियाओ के अलावा छुट भैया दबंग लगा रहे हैं। मोरम खदानों से अवैध तरीके से मोरंग निकाल रहा है। “बांदा शहर से सटा केन नदी में सोना घाट खदान” है। केन नदी की इस सोना नाम की खदान में रोजाना लगभग सैकड़ो मोटरसाइकिलों से नदी की बालू बिना किसी परमिट परमीशन के खोदकर मुख्य सड़क तक पहुंचाई जाती है। भूरागढ़ त्रिवेणी मोड़ से बाई पास चौराहे तक अवैध निकाली गई बालू के जगह-जगह ढेर लगे हैं। यह बालू ट्रैक्टर, डीसीएम और ई रिक्शा में बालू लोड कर शहर के तमाम स्थानों में पहुंचती है।
सूत्रों की माने तो खनिज विभाग और कुछ जिम्मेदार अधिकारी पूरे मामले में सम्मिलित है ? जिसके चलते यह अवैध खनन बेखौफ हो रहा है। फिलहाल जिला प्रशासन पूरे मामले मे खामोश बना है। “पुलिस खनिज विभाग के संरक्षण में यह अवैध खनन कर योगी सरकार के खनिज खजानें में छेद” किया जा रहा है ? यहां यह भी उल्लेखनीय है की सोना घाट का पट्टा कुछ वर्ष पहले निरस्त हो गया था। उसके बाद भी लगातार खनन माफिया यहां मौरंग खनन का कार्य कर रहे हैं।
जिले की सबसे महंगी और अच्छी बालू के चलते इस खदान को सोना मौरंग खदान कहा जता है। इस “सोना घाट में अब तक कई करोड़ रुपए का बालू खनन माफिया कर चुके हैं और यह खेल बदस्तूर निरन्तर जारी” हैं। ई रिक्शा तो अवैध बालू की ढुलान दिन-रात शहर में करते हैं। अब यह खदान वैधानिक तौर पर जनवरी में शुरू हो जायेगी उसके पहले कुछ दबंग चोरी-चोरी चुपके चुपके अवैध खनन कर रहे हैं। प्रशासन हरी झंडी हैं ? और “सीएम योगी की सख्ती को ठेंगा” है ?