- बोटिंग और पिकनिक के लिए हर वर्ष आते है हजारों लोग
प्रेम पाठक की रिपोर्ट
अगर आप भी नव वर्ष के स्वागत में प्रकृति के मनोरम दृश्य और उसकी छटा का दीदार करना चाहते हैं, तो पलामू जिले के सतबरवा प्रखंड के मुरमा स्थित मलय डैम का रुख कर सकते हैं। यहां आकर पर्यटक इसकी प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। वैसे तो अपने व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर लोग पूरे वर्ष भर यहां आकर सुकून का पल बिताते हैं, लेकिन नववर्ष जैसे खास मौकों पर यहां पर्यटकों का तांता लगा रहता है। यहां लोग मनोरम दृश्य का आनंद लेने के साथ ही बोटिंग से थ्रिलिंग कर रोमांचक अनुभव लेकर लौटते हैं। यहां की प्राकृतिक सुंदरता बरबस ही लोगों को आकर्षित करती है। इस बार भी भारी संख्या में पर्यटकों का आना शुरू हो चुका है।
कैसे पहुंचें मलय डैम
पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर से रांची- मेदिनीनगर रोड एनएच 39 से होते हुए इसकी दूरी 30 किलोमीटर तथा रांची से इसकी दूरी 135 किलोमीटर है। पर्यटकों के लिए तुंबागड़ा के पास से पक्की सड़क से होते हुए डैम तक पहुंचा सकता है।

मतस्य पालन और पर्यटन की असीम संभावना
मलय डैम में मछली पालन भी यहां से आय का प्रमुख साधन है साथ ही पर्यटकों के आने से यहां के छोटे मोटे रोजगार गुलजार रहते हैं। विगत वर्षों में इसके विकास पर पर्यटन विभाग ने काफी ध्यान दिया है। सड़क को सुदृढ़ किया गया है साथ ही गार्डवाल का निर्माण कराया गया है। फिर भी विभाग द्वारा पर्यटन स्थल के रूप में इसे और विकसित करने की जरूरत है। स्थानीय गुड्डू सिंह ने बताया कि एनएच 39 से मलय डैम आने के रास्ते पर तोरण द्वार बनाने की मांग प्रशासन से की गई है। इसके बन जाने से पर्यटकों को यहां पहुंचने में सुविधा होगी। अरविंद सिंह ने बताया कि पर्यटन की दृष्टि से इसपर बहुत कुछ किया जाना बाकी है। जिले के आला अधिकारी यहां नौका विहार करने और पिकनिक मनाने आते हैं और उन्होंने इसके विकास का आश्वासन दिया है।
सिंचाई का अहम स्रोत है
मलय डैम से निकलने वाले नहर से सतबरवा,सदर तथा लेस्लीगंज प्रखंड के करीब 105 गावों में सिंचाई का पानी पहुंचता है जो किसानों के लिए वरदान से कम नही है।