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विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति और सीसीएल प्रबंधन के बीच राँची दरभंगा हाऊस में विस्थापितों के सवाल पर वार्ता सौहाद्रपूर्ण

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रिपोर्ट : अविनाश कुमार

विस्थापित संघर्ष समन्वय समिति और सीसीएल प्रबंधन के बीच राँची दरभंगा हाऊस में विस्थापितों के सवाल पर वार्ता सौहाद्रपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ । विस्थापित नेताओं नें प्रबंधन पर आरोप लगाया कि वार्ता करके प्रबंधन सहमति के निर्णयों को लागू नहीं करते, जिससे समस्याएं विकराल रूप लेती है और विस्थापितों का विक्षोभ आक्रोश का रूप ले लेता है। इसकी पुनरावृति नहीं होना चाहिए, नेताओं नें लोधरबेडा के विस्थापित श्यामनारायण महतो एंव डीआर एंड आरडी प्रोजेक्ट के विरेन्द्र सिंह एंव अन्य 16 अभ्यर्थियों को नौकरी देने की मांग की। प्रबंधन नें दो माह का समय लेते हुए इसके निदान का आश्वासन दिया। डीआरएंडआरडी प्रोजेक्ट को चालू करने तथा रैयतों का बकाया नौकरी मुआवजा देने की मांग की इसपर प्रबंधन नें कहा कि गाँव गाँव में बहुत जल्द कैंप लगाकर बकाया मुआवजा देने के लिए रैयतों से दावा आवेदन मांगा जाएगा और मुआवजा का निर्धारण कर भुगतान किया जाएगा। नेताओं नें आरएफ सिटी एल आरआर एक्ट के तहत के तहत वर्तमान बाजार दर का चार गुणा के दर से मुआवजा से भुगतान करना होगा। जरन्गडीह के विस्थापितों को 400 एकड़ जमीन के एवज में नौकरी मुआवजा देने की मांग करते कहा कि यह विस्थापितों पर घोर अन्याय है। इसपर प्रबंधन नें जांचकर आवश्यक कार्रवाई करने का भरोसा दिया। गोविंदपुर लोधर बेडा के दखलकार रैयतों को नौकरी देने की मांग की गई। समिति के नेताओं नें पिछरी कोलियरी के विस्थापितों को अविलंब नौकरी मुआवजा देकर कोलियरी चालू करने को कहा. इसपर प्रबंधन नें कहा कि रैयतों की जमीन का सत्यापन कराने में देरी हो रही है। एरिया प्रबंधन रैयतों को सत्यापन कराने में पूरा सहयोग करेगा और जैसे ही रैयतों की जमीन का सत्यापन हो जाता है। वैसे ही नौकरी और मुआवजा देने का कार्य प्रबंधन तत्परता से करेगी। प्रबंधन नें कहा कि पहले चरण में 458 एकड़ जमीन पर कोलियरी का कार्य करना चाहते हैं। फिर जैसेजैसे जमीन का सत्यापन पूरा होता जाएगा, कोलियरी का विस्तार किया जाएगा। नेताओं नें आरएफसीटी एलएंडआरआर एक्ट के तहत वर्तमान बाजार दर का चार गुणा दर पर मुआवजा भुगतान करने की माँग उठाई। इस पर महाप्रबंधक ने कहा कि उस कानून के मुताबिक ही मुआवजा का भुगतान किया जाएगा। सीएसआर के तहत गांवों का सम्पूर्ण विकास करने का सवाल नेताओं नें उठाया। इसपर अधिकारियों नें कहा कि 25 किलोमीटर की परिधि नें पड़नेवाले गांवों का विकास किया जाएगा। निर्णय हुआ कि पिछरी पंचायत में पंचायत भवन के समीप एक विवाह भवन शिलान्यास किया गया है और हथियापत्थर मेला स्थल में एक सामुदायिक भवन बनाया जाएगा। बंद पड़े अंगवाली कोलियरी को चालू करने पर भी बातें हुई। ढोरी में निर्माणाधीन स्टेडियम में पड़नेवाले रैयतों को जमीन के बदले नौकरी मुआवजा देने और सीसीएल में प्रशिक्षण लेनेवाले आईटीआई प्रशिक्षुओं को रोजगार मुहैया कराने एंव कोल इंडिया में होनेवाली बहालियो में इसे प्राथमिकता देनें की मांग की गई। प्रबंधन नें इस प्रस्ताव को बोर्ड में भेजने की बात कही।

कारो और पुरनाटांड के विस्थापितों को उनके बकाया अधिकारों को देकर अविलंब पुनर्वास स्थल में शिफ्टिंग करने के सवाल पर प्रबंधन नें तत्परतापूर्वक कार्रवाई करने की बात कही। वार्ता में विस्थापितों की और से लखनलाल महतो, काशीनाथ केवट, बिनोद महतो, काशीनाथ सिंह, धनेश्वर महतो, डॉ दशरथ महतो, संजय मल्लाह, अशोक महतो, राजन केवट, विश्वनाथ महतो, चंद्रदेव महतो, मथुरा यादव, गोविंद यादव, कपिलदेव नायक, पवन रजवार, काली सिंह, गोपाल मल्लाह, मोहन महतो, देवनारायण महतो, दिलचंद महतो, तेकलाल महतो, बिजय सिंह समेत कई लोग शामिल थे, जबकि प्रबंधन की और बीएंडके, कथारा एंव ढोरी के महाप्रबन्धकों, एसके झा, नवनीत कुमार, शंकर झा समेत कई अधिकारी मौजूद थे।

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