- अभियान के तहत कुपोषित बच्चों एवं एनीमिया पीड़ित महिलाओं को किया जाएगा चिन्हित
गिरिडीह : आज समाहरणालय स्थित सभागार कक्ष में उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में पोषण संबंधी और समर अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर सभी संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान उपायुक्त ने अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के पदाधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करते हुए अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा जिला को कुपोषण एवं एनीमिया मुक्त करने की दिशा में कार्य करना है। इसके लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में शत-प्रतिशत बच्चो की उपस्थिति तथा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक आहार उपलब्ध करायें। साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत बच्चों का नियमित वजन – माप करायें एवं कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों का सूची तैयार कर नजदीकी एमटीसी में स-समय भर्ती सुनिश्चित करायें। आगे उपायुक्त ने कहा ऐसे सभी घर जहां पर कुपोषण एवं एनीमिया से ग्रसित बच्चों, किशोरियों, युवतियाँ, धात्री माता एवं गर्भवती महिलाएं होती है, उन्हें सरकार के विभिन्न विभागों के ऐसे कार्यक्रमों से जोड़ा जायेगा जिनका कुपोषण निवारण पर प्रत्यक्ष या परोक्ष प्रभाव होता है। इसके अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु सभी अधिकारी संवेदनशील होकर कार्य करें। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को मातृत्व पोषण के तहत ANC जांच, प्रतिमाह वजन, लंबाई तथा हीमोग्लोबिन की जांच करना सुनिश्चित करेंगे।
● समर पोषण दल का मुख्य कार्य :
- पोषण ट्रेकर के माध्यम से चिन्हित कुपोषित बच्चों की सूची तैयार करना।
- पोषण दल द्वारा कुपोषित बच्चों की सूचना SAAMAR App में अंकित करना।
- VHSND पर ए०एन०एम द्वारा कुपोषित बच्चों में चिकित्सीय आंकलन करना ।
- VHSND पर ए०एन०एम के पर्यवेक्षण में भूख की जाँच सुनिश्चित करना। ऑगनवाड़ी सेविका द्वारा ससमय प्रावधानित टी०एच०आर० उपलब्ध करना।
- ए०एन०एम द्वारा समर अभियान में उपचारित बच्चों को ससमय प्रावधानित दवाईयों उपलब्ध कराना।
- कुपोषण निवारण के लिए की जाने वाली कार्रवाई एवं विशेष हस्तक्षेप SAAMAR App में स्वतः दिखाई देगा।
● आँगनबाड़ी केन्द्र पर Special Treatment Center (STC) का संचालन :
- 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के अति गंभीर कुपोषण से ग्रसित बच्चे को प्रत्येक दिन Hot Cooked Meal (सुबह का नाश्ता एवं दोपहर का भोजन) का सेवन सुनिश्चित कराया जायेगा।
- 6 माह से 3 वर्ष तक के भी अति गंभीर कुपोषण से ग्रसित बच्चों के लिए STC में विशेष हस्तक्षेप किया जायेगा।
- 6 माह से 6 वर्ष तक के सभी अति गंभीर कुपोषण से ग्रसित बच्चों को प्रावधानित Take Home Ration (THR) सुनिश्चित किया जायेगा।
- स्वच्छता एवं खाने में विविधता के बारे में जानकारी दी जायेगी। बच्चे के टीकाकरण, माइक्रोन्युट्रेन्टस (सुक्ष्म पोषक तत्व) सुनिश्चित हो, के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी जायेगी।
- सभी बच्चों को (कुपोषित या सामान्य) उम्र के अनुसार घर पर भोजन कैसे और कितनी बार दिया जाना चाहिए के बारे में परामर्श दिया जायेगा।
- SAM Kit से आवश्यक दवाई बच्चे को दी जायेगी।
- प्रत्येक 15 दिनों के अंतराल पर अति गंभीर कुपोषण से ग्रसित बच्चों की लम्बाई / ऊँचाई एवं वजन आँगनबाड़ी केन्द्र पर लिया जायेगा।

● समर कार्यक्रम क्यों?
- अति गंभीर कुपोषण (SAM) बच्चों का समुदाय आधारित प्रबंधन संभव है।
- अति गंभीर कुपोषित बच्चों की जल्द से जल्द चिन्हित करना।
- समुदाय आधारित प्रबंधन से 80 से 85 प्रतिशत बच्चों का उपचार संभव।
- बच्चों का ससमय फोलोअप।
- अधिक से अधिक उपलब्ध सेवाओं का लाभ।
- पोषण अभियान के लक्ष्य की ससमय प्राप्ति।
- डीजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से ससमय बच्चों का उपचार।
- परिवार स्तर पर बच्चों की देख-भाल।
● समर कार्यक्रम का क्रियान्वयन :
- जिला स्तर से समर अभियान के क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश।
- ऑगनवाड़ी केन्द्रवार समर एप के User Id and Password उपलब्ध कराना।
- जिला रिसॉस ग्रुप एवं प्रखण्ड रिसॉस ग्रुप का गठन एवं प्रशिक्षण।
- पोषण दल का गठन एवं प्रशिक्षण।
- समर मॉड्यूल एवं Take Away पोषण दल को उपलब्ध कराना।
- SBCC-IEC हेतु योजना तैयार करना।
- ए०एन०एम० का प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षण कैलेण्डर तैयार करना।
- ऑगनवाड़ी केन्द्र पर सभी उपकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करना।
- स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर समर कार्यक्रम में उपचार किये जाने अति गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए SAM Kit की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- समर कार्यक्रम एवं कुपोषण उपचार केन्द्र की बीच तालमेल स्थापित करना।
- प्रत्येक माह समर अभियान कार्यक्रम की समीक्षा बैठक आयोजित करना।