ब्यूरो रिपोर्ट इंदौर
इंदौर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने के संदर्भ में कलेक्टर आशीष सिंह की पहल पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत भिक्षा लेने और देने वाले दोनों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी सिलसिले में भिक्षा लेने और देने के दो अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई है। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी आशीष सिंह द्वारा इंदौर में भिक्षा लेने और देने दोनों को प्रतिबंधित किया गया है। इंदौर भिक्षावृत्ति से पूरी तरह मुक्त होने की ओर तेजी से अग्रसर है।
बताया गया कि, 23 जनवरी 2025 को फरियादी भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल अधिकारी फूल सिंह पिता मांगीलाल ने थाना भंवरकुआँ में उपस्थित होकर लिखित आवेदन पत्र दिया। यह आवेदन पत्र आरोपी मुकेश पिता बालाराम उम्र 48 साल निवासी 146 भावना नगर खड़वा नाका इंदौर के खिलाफ दिया गया। आवेदन के अनुसार बताया गया कि सोनाबाई पति बलराम निवासी 146 भावना नगर पालदा इंदौर द्वारा लगातार भंवरकुआँ चौराहे में भिक्षावृत्ति की जा रही है। इसके पूर्व प्रथम बार उनके पुत्र मुकेश से शपथ पत्र प्रस्तुत करने पर एक वर्ष पूर्व 23 जनवरी 2024 को इनको समझाइश देकर छोडा गया था। पुनः 27 अगस्त 2024 को इनके पुत्र मुकेश के शपथ पत्र प्रस्तुत किये जाने पर इनको दूसरी बार चेतावनी देकर छोड़ा गया था।
पुनः 14 जनवरी 2025 को भंवरकुआँ चौराहे पर स्थित मंदिर में भिक्षावृत्ति करते हुए रेस्क्यू दल द्वारा इनको पकडा गया। कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा भिक्षा लेने और देने दोनों को भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत किये गए प्रतिबंधित आदेश के उल्लंघन पर आज सोनाबाई पति बलराम के लिए शपथ पत्र प्रस्तुत कर जिम्मेदारी लेने वाले भिक्षुक माँ के पुत्र मुकेश पर प्रकरण दर्ज कराया गया। अपराध धारा 223 बी एन एस का पाया जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
इसी तरह एक अन्य मामले में फरियादी भिक्षावृत्ति उन्मूलन दल अधिकारी फूल सिंह पिता मांगीलाल ने थाना भंवरकुआँ में उपस्थित होकर एफआईआर दर्ज कराई। इस प्रकरण में बताया गया कि यह प्रकरण अज्ञात आरोपी के खिलाफ दर्ज कराया गया है। प्रकरण के अनुसार 21 जनवरी 2025 को समय 10.15 पर खण्ड़वा नाका एवं अरिहंत कालेज के बीच में रोड के किनारे बने हनुमान मंदिर में एक अज्ञात युवक जो कि वाहन क्रमांक MP09 SG4361 में आया था, के द्वारा मंदिर के सामने बैठीभिक्षुक को भिक्षा देकर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा भिक्षावृत्ति के विरूद्ध जारी प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन किया गया है। इस पर अपराध धारा 223 बी एन एस का प्रकरण पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।