दिल्ली विधानसभा चुनाव में 699 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला हो रहा है. इस चुनाव के लिए 1522 लोगों ने नामांकन दाखिल करवाया था, जिसमें से 999 नामांकन चुनाव आयोग ने स्वीकार किए गए. जब की 487 नामांकन को खारिज कर दिया गया. अब यह की तीनों प्रमुख राष्ट्रीय दलों की ओर से दागी उम्मीदवारों की संख्या 93 है जो यहां चुनाव लड़ रहे हैं. दिल्ली में जैसे–जैसे वोटिंग नजदीक आ रही है. वैसे ही चुनाव प्रचार ने जोर पकड़ लिया है. अगले हफ्ते 5 फरवरी को वोटिंग होनी है. सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा है. देखे तो AAP चुनाव में जीत की हैट्रिक की तलाश में है तो वहीं BJP भी सत्ता पर कब्जा अपने दिल्ली में सत्ता रूपी वनवास को खत्म करना चाहती है. चुनाव के लिए दाखिल नामांकन पत्रों से पता चलता है कि आपराधिक छवि वाले नेताओं को टिकट देने के मामले में AAP ने अन्य राष्ट्रीय पार्टियों से कहीं आगे निकल गई है. AAP ने अकेले ही बीजेपी ओर कांग्रेस को इस मामले में पीछे छोड़ दिया है.
सभी राज्यों की तरह दिल्ली में चुनाव में अपराधियों का राज?
अगर बात की जाए तो अन्य राज्यों की तरह राजधानी दिल्ली में भी आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों की एक भी कमी नहीं है. देखा जाए तो सभी प्रमुख दलों ने आपराधिक छवि के नेताओं को खुलकर टिकट देने में किसी प्रकार की हिचकिचाहट नहीं देखने को मिली है. अभी प्रत्याशियों की ओर से दाखिल चुनावी हलफनामे के अनुसार गंभीर आपराधिक केस वाले उम्मीदवारों के मामले में AAP ने अकेले ही बीजेपी और कांग्रेस को हरा दिया है। अगर देखे तो app ने बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशियों के कुल योग से भी कहीं आगे है.

अब आपराधिक छवि के नेताओं के भरोसे सभी दल
दिल्ली चुनाव देखे तो AAP ने BJP और कांग्रेस की तुलना में अधिक आपराधिक छवि के नेताओं पर सबसे अधिक भरोसा जताया है. AAP पार्टी ने सबसे अधिक 44 सीटों पर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे नेताओं को मैदान में उतारा है. जो कि सब से अधिक है .आम आदमी पार्टी ने अपने 70 प्रत्याशियों में से 63 फीसदी टिकट तो आपराधिक छवि के नेताओं को ही दिया है.जबकि AAP के बाद कांग्रेस का नंबर आता है.
अगर पर करे कांग्रेस ने 70 सीटों में से 41 फीसदी यानी 29 प्रत्याशियों को टिकट दिया है. इस मामले में बीजेपी भी कही आम नजर नहीं आधी हैं बीजेपी का नंबर तीसरा है और उसने ऐसे 20 उम्मीदवारों (29 फीसदी) को टिकट दिया है जिन पर आपराधिक केस चल रहे हैं. हलकी बीजेपी 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
गंभीर आपराधिक वाले प्रत्याशियों में AAP हैं टॉप पर
आपको बता दे की आपराधिक छवि के नेताओं में कई नेता ऐसे भी हैं जिन पर गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं. इस मामले में आम आदमी पार्टी ने तो हद ही कर दी है। आप ने तो BJP और कांग्रेस दोनों को काफी पीछे छोड़ दिया है. दोनों विपक्षी दलों के गंभीर आपराधिक छवि वाले नेताओं के कुल योग से भी कहीं ज्यादा टिकट आम आदमी पार्टी ने दिए हैं. और उन पर ही अपना दाव खेला है।
जो बीजेपी ने भी गंभीर आपराधिक केसों का सामना कर रहे 9 उम्मीदवारों उतारा है. जो कि 13 फीसदी को दिल्ली चुनाव में उतारा है जबकि कांग्रेस ने भी 13 (19%) ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिया है. इस तरह से इन दोनों दलों के गंभीर आपराधिक केसों वाले प्रत्याशियों की संयुक्त संख्या 22 होती है. पर बात करे आम आदमी पार्टी की तो इन्हों ने अकेले ही कहीं ज्यादा 41 फीसदी यानी 29 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है.
23 प्रत्याशियों की तो संपत्ति 50 करोड़ से अधिक बताई जा रही है
दिल्ली विधानसभा चुनाव की खास बात यह है कि दिल्ली चुनाव के मैदान मे उतरे 699 प्रत्याशियों में से 23 प्रत्याशियों ने खुद की संपत्ति को 50 करोड़ रुपये से अधिक की बताई है.जो कि 23 में से 21 प्रत्याशियों का नाता राष्ट्रीय दलों से है हलकी महज 2 अन्य करोड़पति प्रत्याशी निर्दलीय ही चुनाव लड़ रहे हैं. जो कि दरसाता हैं की आप की राजनीतिक पार्टियों की मनसा क्या है.
दिल्ली चुनाव में इस बार तो 699
प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 1522 नामांकन दाखिल किए गए थे, जिसमें से केवल 999 नामांकन को ही.स्वीकार किए गया है. 487 नामांकन को खारिज कर दिया गया.