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Budget 2025 : NDA के सहयोगियों को क्या मिला मोदी सरकार के बजट में ?

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1 फरवरी को मोदी सरकार के द्वारा बजट पेश कर दिया गया है। अब चाहे आम जनता हो या ! किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता अब सभी के मन में एक ही सवाल हैं. कि मोदी के बजट में किसको क्या मिला है। इस बार 2025 में जहां मोदी सरकार ने मिडिल क्लास पर फोकस करते हुए बजट तैयार किया है, वहीं अपने NDA सहयोगियों का भी काफी ध्यान रखा है. बजट में देखा जाए तो सरकार के सहयोगी नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान का दबदबा साफ तौर से देखा जा रहा है. अजीत पवार और एकनाथ शिंदे को भी ध्यान में रखते हुए. खूब पैसा दिया गया है.

क्या मिला NDA के सहयोगियों को ?

नीतीश, नायडू और चिराग…मोदी सरकार के बजट से NDA के सहयोगियों को क्या-क्या मिला? यह सवाल अभी के मन में उठा रहा हैं. बजट 2025 में एनडीए के सहयोगियों को क्या-क्या मिला मोदी सरकार के बजट 2025 को लेकर सियासी घमासान चालू हो गया हैं. कांग्रेस और सभी विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाए हुए! विपक्ष ने केंद्रीय बजट को बिहार और NDA सहयोगियों का बजट बना दिया है. जब वित्त मंत्री ने संसद में बजट पेश करते वक्त भी बिहार को लेकर विपक्षी सांसदों ने हंगामा कर रहे थे. इन सांसदों का मानना था. कि केंद्र सरकार ने चुनाव को देखते हुए बिहार के लिए घोषणाएं कर रही है.पूरे देश को धोखा नेम का कम कर रही हैं।

बिहार और आंध्रा की केंद्र सरकार में दिखी बड़ी हिस्सेदारी

2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने अकेले के दम से सरकार बनाने से चूक गई थीं. पार्टी 272 के जादुई आंकड़ों से 32 कदमों की दूरी रह गई थी, जिसके वजह से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का गठन तो हुआ, पर अपने एनडीए दलों के सहयोग से सरकार बनाने में कामयाब हुए थे.

एनडीए में बिहार और आंध्र का सबसे ज्यादा दबदबा है

अगर मोदी गवर्नमेंट देखी जाए तो। इसमें बिहार की जेडीयू, लोजपा और हम से सरकार में साझेदार है. ठीक इसी प्रकार से आंध्र प्रदेश से चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी और पवन कल्याण की जनसेना एनडीए गठबंधन का बहुमूल्य हिस्सा है.

अगर देखा जाए तो मोदी सरकार ने दोनों राज्यों को पिछली बार भी खूब तवज्जो दी गई थी. इस बार के भी बजट में दोनों प्रदेशों का दबदबा देखने को मिला है. आइए जानने की कोशिश करते हैं. कि,मोदी सरकार ने बजट में अपने सहयोगियों को क्या-क्या दिया है?

हम आपको बता दें की चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के पास 16 और पवन कल्याण की पार्टी के पास 2 सांसद मौजूद है. इस बार नायडु ने मोदी सरकार से ठोस परियोजनाओं के लिए मग की थी, देखा जाए तो? केंद्र ने परियोजनाओं को स्वीकार करते हुए. आंध्र के पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए भारी भरकम 30436 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. साथ ही केंद्र पुराना बकाया रुपए भी आंध्र सरकार को देने का फैसला लिया है. यह परियोजना गोदावरी नदी के एलुरु जिले से निकलती है.

मोदी सरकार के इस बजट में आंध्र प्रदेश कब कुछ ज्यादा ध्यान रखते हुए। प्रदेश की, राजधानी अमरावती के विकास के लिए भी 15 हजार करोड़ रुपए देने का फैसला किया हैं. वर्ष 2013 में आंध्र प्रदेश का विभाजन हो गया था. विभाजन के बाद से ही आंध्र से हैदराबाद राजधानी छिन गई थी. अब चंद्रबाबू नायडु की सरकार अमरावती को आंध्र प्रदेश की राजधानी बनाने में लगी है. हालांकि आंध्र को न्यूक्लियर सोलम प्रोजेक्ट के तहत भी हिस्सेदारी मिलने की जानकारी है. पर, इस बात की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है.

राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान एनडीए में मुख्य साझेदार हैं. चिराग की पार्टी में 5 लोकसभा सांसद हैं. मोदी सरकार ने चिराग के लिए नेशनल फूड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट की घोषणा की गई है. देखा जाए तो. यह इंस्टीट्यूट खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय के अधीन रहेगा, जिसके मंत्री चिराग पासवान हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री माननीय नीतीश कुमार के पास वर्तमान में 12 लोकसभा सांसद हैं. इस साल के आखिर में बिहार में विधानसभा के चुनाव भी प्रस्तावित है. मोदी सरकार ने नीतीश कुमार को साधते हुए. बिहार में बड़ी घोषणाएं की गई है. देखा जाए, तो इनमें मखाना बोर्ड का गठन प्रमुख है. इससे मिथिलांचल के लोगों को सीधा फायदा मिलेगा।

आगे बढ़ते हुए मोदी सरकार की तरफ से पटना और बिहटा एयरपोर्ट विकास की बात भी कही गई है. वेस्टर्न कोसी केनाल परियोजना को भी पैसे देने की घोषणा मोदी सरकार ने कि है. इस परियोजना से दरभंगा और मधुबनी के लोगों का अत्यधिक मात्रा में फायदा होगा. दोनों ही जिले में विधानसभा की कुल 20 सीटें हैं.

इस बार के बजट में मोदी सरकार ने बिहार को एक अलग ही दर्ज दिया है। इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए मोदी सरकार ने बिहार में 3 ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने की बात कही है. ये एयरपोर्ट राजगीर, सोनपुर और भागलपुर में प्रस्तावित किए गए है. राजगीर नीतीश के गृह जिले नालंदा में स्थित है.

महाराष्ट्र के अजित पवार भी एनडीए के सहयोगी हैं. पवार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम पद में भी हैं. मोदी के बजट में अजित पवार की डिमांड को भी ध्यान में रखा गया है. इसी लिए पुणे में मेट्रो के लिए 837 करोड़ रुपए की मंजूरी मिल गई हैं. पुणे अजित पवार का होम टाउन है.आप को बताते चले कि अजीत यहां के गार्जियन मिनिस्टर भी हैं. इसके साथ महाराष्ट्र एग्री बिजनेस नेटवर्क-मैग्नेट परियोजना के लिए 596 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में देखने को मिला है.

बात की जय एकनाथ शिंदे की तो वे महाराष्ट्र के प्रमुख सहयोगी हैं. बीजेपी ने उनका भी खास ध्यान रखते हुए मुंबई मेट्रो के लिए 1600 करोड़ रुपए दिए गए हैं. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम शिंदे मुंबई के गार्जियन मंत्री हैं. वहीं 1094 करोड़ हरित शहरी गतिशीलता परियोजना दिए गए हैं. एकनाथ शिंदे के पास लोकसभा में कुल 7 सांसद मौजूद हैं. शिंदे ने बजट का स्वागत किया है. साथ ही उन्होंने इस बजट को महाराष्ट्र की जनता के लिए वरदान साबित होने वाला बजट है।

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