मोदी सरकार ने जब से बजट 2025 पेश किया है तब से ही बजट को लेकर के कई प्रकार के सवाल उठाए जा रहे हैं. कुछ पार्टियों को बजट 2025 बहुत ही अच्छा दिख रहा है. वहीं अगर विपक्ष की बात की जाए तो विपक्ष इस बजट को लेकर तीखे सवाल पूछ रहा है।
पर इस बात को भी झुठलाया नहीं जा सकता. कि , बजट में खास तौर पर बिहार का ध्यान रखा गया है. क्योंकि विपक्ष का मानना है, कि, इसी साल आखिरी में बिहार में विधानसभा चुनाव होना है, इसी सब को मत दे नजर रखते हुए। मोदी सरकार ने पूरे देश के साथ सौतेला व्यवहार किया है, साथ ही आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र बहुत सारी सौगात दी गई है।
नरेन्द्र मोदी पूरे भारत के प्रधानमंत्री हैं, बिहार, महाराष्ट्र, आंध्र के नही..
ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन पार्टी (AJSU) के नेता अनिल झा ने न्यूज़ नेशन भारत से हुई वार्ता में कहा, कि, मोदी पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं, उनको पूरे देश के बारे मो सोचना चाहिए. पर वह इस बजट में जनता से ज्यादा अपनी सरकार को बचाने में ध्यान दिया है। झारखंड की मासूम जनता जानना चाहती है. कि , आखिर हमारे साथ सावतेला व्यवहार प्रधानमंत्री क्यों कर रहे है। बोकारो जिला से आजसू पार्टी से उपाध्यक्ष अनिल झा ने न्यूज़ नेशन भारत के माध्यम से मोदी सरकार से पुआ की, आखिरकार क्यों 2025 के इस बजट में झारखंड को कुछ भी देना वाजिब नहीं समझा. जहां एक तरफ महाराष्ट्र को सिर्फ मेट्रो के लिए 3527 हजार करोड़ रुपए दिए गए, तो झारखंड की जनता को क्यों नहीं?
साथ ही उन्होंने पूछा. कि, आंध्रा को पोलावरम सिंचाई पियोजना के नाम पर 30 हजार 4 सो 36 करोड़ रुपए दिए. साथ ही 15 हजार करोड़ रुपए अमरावती के विकास के लिए दिए. क्या माननीय प्रधानमंत्री जी को झारखंड के किसानों के लिए कुछ भी नहीं देना चाहिए। प्रधानमंत्री जी गौर से देखिए झारखंड में भी किसान रहते हैं। आप उनके भी प्रधानमंत्री हैं, ना कि किसी विशेष पार्टी या प्रदेश के प्रधानमंत्री हैं।
बिहार सर आंखों में तो झारखंड क्यों नहीं?
AJSU नेता आगे बात करते हुए कहा, कि, यह कहां का न्याय है, जहां एक तरफ बिहार को तीन नए एयरपोर्ट दिए जा रहे हैं. साथी माखन बोर्ड का गठन और नेशनल फूड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट का गठन बिहार को दिया गया है, क्या झारखंड की जनता को नया एयरपोर्ट पानी का अधिकार नहीं है. क्या झारखंड में फूड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट नहीं होना चाहिए। अगर होना चाहिए, तो फिर झारखंड की जनता को कुछ क्यों नहीं दिया।
शिक्षा, स्वस्थ, रोजगार पर देना चाहिए. ध्यान
आपको बताते चले की, अनिल झा ने मोदी सरकार पर सवाल करते हुए कहा. कि, सरकार को इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार पर ध्यान देना चाहिए,. जो की देखने को नहीं मिला। सरकार ने शिक्षा के लिए पिछली बार की अपेक्षा महज 3012 करोड़ रुपए ही, बढ़ाया है,जो कि काफी कम है।स्वाथ के लिए 98311 करोड़ का ही बजट हैं , सरकार IT और टेलीकॉम की लुटिया ही डुबोते हुए 116342 करोड़ से घटाकर 95298 कर दिया है। जब हमारी IT और टेलीकॉम इंडस्ट्री कमजोर होगी,तो देश कैसे बढ़ सकता है।
झारखंड को पुरानी योजनाओं से ही करना पड़ेगा संतोष
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को लोकसभा में पेश किए गए केंद्रीय बजट में कुछ नया नहीं दिया गया , लेकिन इसमें जो प्रविधान किए गए हैं, उनका लाभ झारखंड को भी मिलेगा। खासकर नौनिहालों, महिलाओं, आदिवासी समुदाय इनसे विशेष लाभान्वित होंगे। झारखंड को कुपोषण से मुक्ति मिलेगी, क्योंकि इससे निपटने के लिए बजट में सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 कार्यक्रम के तहत पौष्टिकता सहायता के लागत मानकों में वृद्धि करने का प्रस्ताव किया गया है। एनीमिया की समस्या से जूझनेवाली महिलाओं को भी इससे लाभ मिलेगा।
इस कार्यक्रम की घोषणा का झारखंड के लिए महत्व को इससे समझा जा सकता है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में 39.4 प्रतिशत बच्चे (पांच वर्ष तक के) आयु के अनुसार कम वजन के होते हैं। इस आयु वर्ग के 22.4 प्रतिशत बच्चे अपनी आयु के अनुसार लंबाई में नाटे हैं। यह एक तरह की कुपोषण की ही स्थिति है। लगभग नौ प्रतिशत बच्चे गंभीर रूप से कुपोषण से ग्रसित हैं, जिनका उपचार आवश्यक है।