रायबरेली शुक्रवार को अपर पुलिस अधीक्षक संजीव सिंह ने बयान जारी करते हुए बताया कि जिन डॉक्टरों का साक्षात्कार हुआ है। उनको एक फर्जी कॉल आ रही है और उनसे जॉइनिंग के नाम पर रकम मांगी गई है। जब इसकी जांच की गई तो साइबर अपराध से जुड़ा मामला सामने आया है।
जिले की ये खबर आपसे जुड़ी है। यहाँ एक डॉक्टर जागरूकता के चलते साइबर फ़्रॉड का शिकार होने से बच गये। पुलिस ने साइबर अपराधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामला राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत डाक्टरों की होने वाली संविदा भर्ती से जुड़ा है।
यहाँ बीती तीन फ़रवरी को कोतवाली नगर में संविदा चिकित्सकों का सीएमओ रायबरेली के दफ्तर में साक्षात्कार हुआ था। उसका परिणाम भी तीन दिन पहले जारी हो गया था। परिणाम जारी होने के बाद साइबर अपराधी ने साक्षात्कार में असफल संतरविदास नगर के रहने वाले डॉक्टर वीरेंद्र कुमार को फोन किया। साइबर अपराधी ने खुद को सीएमओ ऑफिस रायबरेली से बताते हुए डॉक्टर को सेलेक्शन कराने का ऑफर दिया। डॉक्टर वीरेंद्र कुमार बातचीत के दौरान ही समझ गये कि उनके साथ फ्राड हो रहा है। इसलिए उन्होंने बाद में बताने की बात कह कर फ़ोन काट दिया। डॉक्टर वीरेंद्र ने इस बाबत सीएमओ रायबरेली को भी अवगत करा दिया। सीएमओ रायबरेली ने एसपी डॉक्टर यशवीर सिंह से संपर्क कर पूरे मामले की लिखित तहरीर दी। एसपी के निर्देश पर एसओ साइबर थाना विंध्य विनय सिंह ने तहकीकात की तो पूरा मामला साइबर अपराध से जुड़ा सामने आया। पुलिस के मुताबिक फ़ोन करने वाला साइबर अपराधी है और उसने किसी तरह यहाँ अप्लाई करने वाले डॉक्टरों की लिस्ट निकलवा ली थी। उस लिस्ट से उसने नाम पता व फ़ोन नम्बर जैसी जानकारी एकत्र कर ली। बाद में सफल अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी हुई तो उसने असफल लोगों की लिस्ट से डॉक्टर वीरेंद्र का नाम उठा लिया। डॉक्टर वीरेंद्र को शक न हो इसलिए वह एकत्र किये गये डाटा से उसका नाम पता और पैतृक जिला तक बताता रहा। हालांकि डॉक्टर वीरेंद्र ने जागरूकता का परिचय देते हुए इस मामले में आगे बढ़ कर पहल की और सीएमओ से शिकायत कर दी। सीएमओ की तहरीर पर साइबर थाना इस मामले में साइबर अपराधी को अरेस्ट करने की कवायद में जुट गई है। पुलिस ने बताया है कि जल्द ही साइबर अपराधी को गिरफ्तार कर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जाएगी।