रिपोर्ट : अविनाश कुमार
प्राचार्य लक्ष्मी नारायण की अध्यक्षता में जंतु शास्त्र विभाग, एन एस एस एवं आई क्यू ए सी के संयुक्त तत्वावधान में ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट कार्यक्रम जंतु शास्त्र सभागार में दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। प्राचार्य लक्ष्मी नारायण ने कहा पक्षी पर्यावरण के महत्वपूर्ण अंग हैं। ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट कार्यक्रम हर वर्ष फरबरी माह में चार दिनों तक मनाया जाता है। इस बार ये 14 से 17 फरवरी तक आयोजित है जिसमें पक्षियों की गिनती करने व पंछी संरक्षण में योगदान करने के लिए सभी स्तरों पर पक्षी प्रेमियों को शामिल किया जाता है। प्रो इंचार्ज प्रो गोपाल प्रजापति ने बताया ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट के द्वारा एकत्र किए गए डेटा को ऑनलाइन वेब इंटरफ्रेंस इ बर्ड में प्रस्तुत किया जाता है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य कुछ मिनटों के लिए पक्षियों का पर्यवेक्षण करना, उनकी पहचान करना तथा उनकी गिनती करना है। इस अभ्यास को दिन में कई बार दोहराया जा सकता है तथा पक्षियों की सूची, विवरण और तस्वीर ई बर्ड नाम की वेबसाइट पर अपलोड की जाती है।

विभागाध्यक्ष जंतुशास्त्र डा अरुण कुमार रॉय महतो ने कहा झारखंड राज्य मे पक्षी विविधता की जानकारी अति आवश्यक है। समाज मे पक्षियों का महत्वपूर्ण योगदान है। Cornel Lab of Ornithology के सदस्य के रुप मे पक्षियों के लिए भलाई का कार्य करनी है। विश्व भर में पक्षियों को बेहतर समझने की दिशा में द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट अनोखी पहल है। एन एस एस कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा परिसर मे ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट पर्यावरण संरक्षण की दिशा मे मील का पत्थर साबित होंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन वैज्ञानिकों को दुनिया भर के पक्षियों को बेहतर तरीके से समझने और उनकी रक्षा करने में मदद करने के लिए एक वैज्ञानिक डेटाबेस को बनाए रखने के उद्देश्य से किया जाता है। कार्यक्रम उद्घाटन के बाद छात्र छात्राओं ने कॉलेज कैंपस में घूम घूम कर पक्षियों का सर्वे किया। मंच संचालन जंतु शास्त्र विभाग की रमसा फातिमा और खुश्बू मेहता ने संयुक्त रूप से किया, धन्यवाद ज्ञापन डा अरुण कुमार रॉय महतो ने किया। कार्यकम मे प्राचार्य लक्ष्मी नारायण, प्रो इंचार्ज प्रो गोपाल प्रजापति, डा अरुण कुमार रॉय महतो, डा साजन भारती, डा प्रभाकर कुमार, डा सुशांत बैरा, प्रो संजय कुमार दास, रविंद्र कुमार दास, सदन राम आदि समेत छात्र छात्राएं, जंतु शास्त्र, एन एस एस के स्वयं सेवकों आदि की उपस्थिति रही।