रायबरेली जिले में वन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब जंगलों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अधिकारी ही इनके संरक्षक बन बैठे हैं। मामला लालगंज कोतवाली क्षेत्र के खरगपुर सौताना गांव का है, जहां आधा दर्जन से ज्यादा शीशम के हरे-भरे पेड़ों को काटकर जमींदोज कर दिया गया। इस अवैध कटान में वन विभाग के ही कुछ अधिकारी और कर्मचारी शामिल बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक वन विभाग और पुलिस की मिलीभगत से यह खेल लंबे समय से चल रहा है। कहा जा रहा है कि इस अवैध कटान की खबर वन रेंजर तक भी पहुंची, लेकिन मोटी रकम के एवज में उन्होंने इसे अनदेखा करना ही बेहतर समझा। नतीजा यह हुआ कि वन माफिया बेखौफ होकर पेड़ों की कटाई में जुटे रहे। ग्रामीणों ने जब इस अवैध कटान पर आपत्ति जताई, तो उन्हें डराने धमकाने की भी कोशिश की गई। अब सवाल यह उठता है कि जब जिम्मेदार ही वन संपदा के दुश्मन बन जाएं, तो जंगलों की रक्षा कैसे होगी। स्थानीय लोगों ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए प्रशासन से तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इनकी भी सुनिए
रेंजर डलमऊ रविशंकर ने बताया कि शीशम के पेड़ काटने का कोई परमिट जारी नहीं किया गया अगर ऐसा कोई मामला है, तो जांच कराकर ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।
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